देश में बने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए देशभर की पैरामिलिट्री कैंटीन से 1000 से अधिक उत्पादों की बैन करने संबंधी सरकारी आदेश सोमवार को वापस ले लिया गया क्योंकि इस सूची के ज्यादातर आइटम भारतीय पाए गए. पिछले महीने सरकार द्वारा घोषणा के बाद आयातित उत्पादों को यह कहते हुए लिस्ट से बाहर कर दिया गया था कि घरेलू उद्योगों और 'स्वदेशी' को बढ़ावा देने के लिए एक जून से अर्धसैनिक कैंटीन केवल एक जून से स्वदेशी या भारतीय उत्पाद ही बेचेंगी. गौरतलब है कि सरकार की ओर से फैसला किया गया था कि स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए अर्धसैनिक बलों की कैंटीन 1 जून से स्वदेशी या भारतीय उत्पाद बेचेंगे. अर्धसैनिक बलों की कैंटीन में उपलब्ध नहीं होने वाले उत्पादों/ब्रांडों में न्यूट्रीला, किंडर जॉय, डाबर, हॉर्लिक्स ओट्स, यूरेका फोर्ब्स, टॉमी हिलफिगर शर्ट और एडिडास बॉडी स्प्रे आदि शामिल थे..
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 मई को घोषणा की थी कि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत देशभर में सीएपीएफ की 1,700 से अधिक कैंटीनों में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री ही होगी. आदेश में कहा गया था कि जो चीजें ‘‘पूरी तरह से आयातित उत्पादों'' से बनाई जाती हैं, उन्हें सोमवार से केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार या सीपीएफ कैंटीनों की सूची से हटाया जा रहा है. कुछ खास उत्पादों में आयातित सामान का इस्तेमाल करने वाली और सूची से बाहर हुई कंपनियों में ब्लू स्टार लिमिटेड, बोरोसिल ग्लास वर्क्स लिमिटेड, कोलगेट पामोलिव इंडिया लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स), नेस्ले इंडिया और अन्य शामिल थीं
पैरामिलिट्री कैंटीन की बिक्री सालाना लगभग 2,800 करोड़ रुपये है, ये कैंटीन लगभग 10 लाख कर्मियों वाले बलों के 50 लाख परिजनों को विभिन्न सामान बेचती हैं. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मी आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमा रक्षा तक का दायित्व निभाते हैं.सेंट्रल ऑर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और असम राइफल्स शामिल हैं.
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