"पेट फूला हुआ था तो हार्ट अटैक कैसे"...?: मुख्तार अंसारी के बेटे ने की न्यायिक जांच की मांग

अंसारी पहली बार 1996 में मऊ से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर विधायक चुना गया था. उसने 2002 और 2007 के विधानसभा चुनावों में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इस सीट पर अपनी जीत का सिलसिला कायम रखा था.

बांदा:

माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई. मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने दावा किया है कि उनके पिता को खाने में जहर दिया गया था. मुझे प्रशासन की ओर से कुछ नहीं बताया गया, मुझे मीडिया के माध्यम से इसके बारे में पता चला... लेकिन अब पूरा देश सब कुछ जानता है... दो दिन पहले मैं उनसे मिलने आया था, लेकिन मुझे अनुमति नहीं दी गई. उनको अस्वस्थ होने के बावजूद जेल भेजा गया. पेट फूला हुआ था तो हार्ट अटैक कैसे? वायरल हुए वीडियो में आप देख सकते हैं कि उनका पेट फूला हुआ था. उनकी हालत गंभीर थी. उनको ICU में भर्ती कराने के लिए लाया गया था. लेकिन 12 -14 घंटे बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया. 

मुख्तार अंसारी के बेटे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, धीमा जहर देने की बात हमने पहले भी कही थी और आज भी यही कहेंगे. 19 मार्च को डिनर में उन्हें जहर दिया गया था. हम न्यायपालिका की शरण में जाएंगे, हमें उस पर पूरा भरोसा है. पोस्टमॉर्टम के बाद वे हमें शव देंगे. फिर हम आगे की प्रक्रिया करेंगे. पोस्टमार्टम करने के लिए पांच डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है.

दरअसल मंगलवार सुबह करीब चार बजे मुख्तार अंसारी को पेट दर्द, पेशाब और शौच में समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इलाज के बाद अंसारी को छुट्टी दे दी गई थी.

साल 1996 में बना था पहली बार विधायक

अंसारी पहली बार 1996 में मऊ से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर विधायक चुना गया था. उसने 2002 और 2007 के विधानसभा चुनावों में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इस सीट पर अपनी जीत का सिलसिला कायम रखा. साल 2012 में, अंसारी ने कौमी एकता दल (क्यूईडी) बनाया और मऊ से फिर से जीत हासिल की. 2017 में उन्होंने फिर से मऊ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. साल 2022 में मुख्तार ने अपने बेटे अब्बास अंसारी के लिए सीट खाली कर दी, जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर इस सीट से जीते. वह पिछले 19 वर्षों से उत्तर प्रदेश और पंजाब की विभिन्न जेलों में बंद रहा.

साल 2005 से जेल में रहते हुए उसके खिलाफ हत्या और गैंगस्टर अधिनियम के तहत 28 मामले दर्ज थे और सितंबर 2022 से आठ आपराधिक मामलों में उसे दोषी ठहराया गया था. फिलहाल मुख्तार अंसारी पर विभिन्न अदालतों में 21 मुकदमे लंबित थे.

समाजवादी पार्टी (सपा) ने अंसारी के निधन को दुखद बताया है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अंसारी के निधन पर दुख जताया है.

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