बीजेपी नेता ने कहा कि यह लोगों को उनके रहने की स्थिति को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए उन्नत एफएआर के प्रावधान के साथ उनकी पुरानी जीर्ण-शीर्ण आवासीय संरचनाओं का पुनर्विकास या पुनर्निर्माण करने में मदद करेगा.
पिछले छह दशकों में एफएआर 1962 की योजना में 133 से ऊपर चला गया है. मास्टर प्लान 2001 के तहत वर्ष 1981 में इसे 167 तक बढ़ा दिया गया था. पिछले साल यह 200 हो गया. अब मास्टर प्लान 2041 के तहत होना है. अब "पुनर्निर्माण एफएआर" तोड़फोड़ और पुनर्निर्माण के लिए लागू होने वाली योजना बनाई गई है, जो 260 से 340 तक है. मंत्री ने कहा, "प्लाट का आकार जितना बड़ा होगा, एफएआर उतना ही अधिक होगा."
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केंद्र सरकार का राजधानी की कॉलोनियों और रिहायशी इलाकों के कायाकल्प को लेकर प्लान सामने रखा. उन्होंने बताया कि जल्द ही केंद्र की योजना के तहत दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को रेगुलराइज किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'पीएम उदय योजना से दिल्ली के 50 लाख लोगों को फायदा होगा. दिल्ली की आबादी लगातार बढ़ रही है, इसे देखते हुए केंद्र सरकार लगातार गरीबों को घर दे रही है.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'दिल्ली की आबादी अगली जनगणना में दो करोड़ से ज्यादा की होगी. अब इस आबादी में हमारी जो योजनाएं हैं उनमें जहां झुग्गी जहां मकान योजना के 10 लाख लाभार्थी होंगे. अवैध कॉलोनियों का मसला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने लटकाकर रखा. हमें उम्मीद है कि 50 लाख नागरिकों को अवैध कॉलोनियों को वैध करने से फायदा मिलेगा.'
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि करीब एक करोड़ 35 लाख दिल्ली के नागरिकों को रीडेवलपमेंट का लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि 2040 तक दिल्ली की कुल आबादी 3 करोड़ तक पहुंच जाएगी. जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन जमीन उतनी ही है. इसीलिए दिल्ली के लिए 2041 तक का मास्टर प्लान तैयार किया गया है. जिसमें गरीबों के लिए पक्के मकान और अवैध कॉलोनियों के रीडेवलेपमेंट का काम शामिल है. मंत्री ने बताया कि लैंड पूलिंग योजना के अंतर्गत 75 लाख लाभार्थी होंगे.
हरदीप पुरी ने दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया. प्राधिकरण केंद्रीय मंत्रालय के अंतर्गत आता है. आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि 299 झुग्गी बस्तियों में पुनर्वास की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है, पर दुर्भाग्य से, आज तक कोई काम नहीं किया गया है.
केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की झुग्गी के बदले मकान देने की योजना की घोषणा के बाद दिल्ली के बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) फ्लैट्स में फ्लोर एरिया रेश्यो यानी FAR को बढ़ाने की वकालत की. मनोज तिवारी ने कहा, 'जब घर छोटा और परिवार बड़ा हो, तो फ्लोर एरिया रेश्यो को बढ़ाने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि 2041 के मॉडल के मुताबिक घर को बड़ा करने में दिक्कत नहीं आएगी. यह केंद्र की बड़ी घोषणा है.
मनोज तिवारी ने कहा, 'आज दिल्ली की जनता डीडीए फ्लैट में रहती है, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में रहती है. दिल्ली में जिनका अपना घर है, उनका FAR डबल करने का निर्णय मोदी सरकार ने लिया है. ये एक सराहनीय कदम है.' उन्होंने कहा कि अपने घर को रेनोवेट करने में जो FAR है, उसको डबल करने के निर्णय के बाद कोई आपको डंडा दिखाने नहीं आ सकता. कोई गलत डिमांड करने नहीं आ सकता.
दिल्ली के बीजेपी सांसदों ने निकाली पदयात्रा
दिल्ली नगर निगम चुनाव के चार दिन पहले दिल्ली के सभी सात सांसदों ने बुधवार को पदयात्रा निकाली. इस दौरान पूर्वी दिल्ली के बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा. संविधान क्षेत्र से ज्यादा क्रिकेट के कॉमेंट्री बॉक्स में ज्यादा दिखने के आम आदमी पार्टी के आरोपों पर गौतम गंभीर ने बेबाकी से जवाब दिया. उन्होंने कहा, ''जब दिल्ली डूब रही थी, तब विपश्यना करने मैं नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल गए थे. जब दिल्ली में पॉल्यूशन की वजह से स्कूलों में बच्चों की छुट्टियां कर दी गई थी, तब गुजरात-हिमाचल में मैं चुनाव प्रचार नहीं कर रहा था, सीएम प्रचार करने में जुटे थे.'' गौतम गंभीर ने कहा, 'मुख्यमंत्री नाम लेना बहुत गलत है... अरविंद केजरीवाल तो दिल्ली के प्रचार मंत्री हैं.'
गडकरी के निशाने पर नहीं विपक्ष
दिल्ली में कांग्रेस के तीन बार के विधायक रह चुके तरविंदर सिंह मारवाह के बेटे बीजेपी से निगम का चुनाव लड़ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता नितिन गडकरी बुधवार को उनका चुनाव प्रचार करने के लिए जंगपुरा पहुंचे. खास बात ये है कि गडकरी ने अपने 10 मिनट के भाषण में एक बार भी अपने विरोधियों पर निशाना नहीं साधा. सुबह 11 बजे जंगपुरा में हुई जनसभा के दौरान करीब 10 मिनट के भाषण में गडकरी ने न तो बीजेपी की विरोधी आम आदमी पार्टी (AAP)का नाम लिया और न ही अरविंद केजरीवाल का. अपने मंत्रालय की फाइल पढ़कर गडकरी ने बनवाई गई सड़कों का नाम और पहुंचने के वक्त का बखान करके वोट मांगे.
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए चार दिसंबर को वोटिंग है और सात दिसंबर को नतीजे आएंगे.