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This Article is From Nov 08, 2019

अगर महाराष्ट्र में कोई भी दल नहीं बना पाता है सरकार तो राज्यपाल के पास हैं ये 4 विकल्प

शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा को शिवसेना के पास तभी आना चाहिए जब वह महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद अपनी सहयोगी पार्टी के साथ साझा करने के लिए तैयार हो.

अगर महाराष्ट्र में कोई भी दल नहीं बना पाता है सरकार तो राज्यपाल के पास हैं ये 4 विकल्प
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

शिवसेना महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद साझा करने की अपनी मांग पर शुक्रवार को भी अड़ी रही और उसने भाजपा से राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए “कार्यवाहक” सरकार के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं करने को कहा. शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा को शिवसेना के पास तभी आना चाहिए जब वह महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद अपनी सहयोगी पार्टी के साथ साझा करने के लिए तैयार हो. शिवसेना प्रवक्ता ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल (नौ नवंबर को) समाप्त हो रहा है. राज्यसभा सदस्य ने कहा, 'बीजेपी को कार्यवाहक प्रावधान को नहीं खींचना और पर्दे के पीछे से काम नहीं करना चाहिए.  हमें बुरा नहीं लगेगा अगर बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में सरकार बनाने का दावा पेश करती है और सरकार बनाती है.' 

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना' के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि शिवसेना “जल्द” ही राज्यपाल बी एस कोश्यारी से मिलने वाली है. पार्टी सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी और ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद दिए जाने की मांग कर रही है. राउत ने कहा कि विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, राज्यपाल राज्य के सर्वेसर्वा होंगे. केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी के मुंबई दौरे और सरकार गठन पर जारी गतिरोध को तोड़ने के लिए ‘मातोश्री' (ठाकरे परिवार का आवास) जाने की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राउत ने कहा, “गडकरी मुंबई के निवासी हैं. उनका यहां आना कोई बड़ी बात नहीं है. वह अपने घर जाएंगे. क्या उन्होंने आपको बताया कि वह शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने के संबंध में पत्र ला रहे हैं?'  गौरतलब है कि ‘महायुती' के बैनर तले चुनाव लड़ने वाले ये दोनों दल चुनाव नतीजे आने के बाद से मुख्यमंत्री पद साझा किए जाने को लेकर उलझे हुए हैं. चुनाव में राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. 

राज्यपाल के पास क्या-क्या हैं रास्ते
अगर महाराष्ट्र में कोई भी दल सरकार बनाने में कामयाब नहीं होता है तो फिलहाल विकल्प के तौर पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास 4 रास्ते ही नजर आ रहे हैं.

  1. राज्यपाल मौजूदा के सीएम को कार्यवाहक के तौर पर काम करने के लिए कह सकते हैं जब तक कोई नया सीएम न बन जाए क्योंकि ऐसा कोई जरूरी नहीं है कि विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो जाने पर मुख्यमंत्री का भी कार्यकाल समाप्त हो जाए. 
  2. सबसे बड़ी पार्टी (बीजेपी 105 सीटें) के नेता को सीएम नियुक्त कर बाद में उसे बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं. हालांकि इस समय जो हालात हैं उससे लग रहा है कि किसी भी पार्टी के लिए बहुमत साबित करना नामुमकिन हैं. 
  3. राज्यपाल विधानसभा से अपने नेता का चुनाव करने के लिए कह सकते हैं. उत्तर प्रदेश में साल 1998 में ऐसा हो चुका है.
  4. अगर ऊपर की तीन कवायद के बाद भी कोई रास्ता नहीं निकलता है तो राष्ट्रपति शासन लग सकता है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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