नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने 26/11 के कथित संचालक अबू जिंदाल की हिरासत मुंबई एटीएस को सौंपी ताकि महाराष्ट्र में आतंकवाद के विभिन्न मामलों में उसकी भूमिका की जांच की जा सके।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे अब जिंदाल को हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है जिसके बाद उसकी हिरासत मुंबई एटीएस को सौंपी गई।
जिंदाल की हिरासत मुंबई के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को सौंपने के बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) विनोद यादव ने कहा कि उससे पूछताछ के बाद वापस दिल्ली लाया जाए क्योंकि एनआईए एवं अन्य एजेंसियों ने भी उसकी हिरासत की मांग की है।
दिल्ली पुलिस के साथ 30 दिनों की उसकी हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद जिंदाल को सीएमएम यादव के समक्ष पेश किया गया। दिल्ली पुलिस ने उससे 2010 में जामा मस्जिद विस्फोट और राजधानी में अन्य आतंकवादी हमले के सिलसिले में पूछताछ की थी।
30 वर्षीय जिंदाल लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और चार मामलों औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामला, 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमला, जर्मन बेकरी विस्फोट और नासिक अकादमिक हमला मामलों में मुंबई एटीएस को उसकी तलाश है।
अदालत ने जिंदाल की हिरासत एटीएस मुंबई को सौंपी और उसे मुंबई के सीएमएम के समक्ष पेश करने को कहा और वहां की मेट्रोपोलिटन अदालत पर इस निर्णय को छोड़ दिया कि मुंबई एटीएस को चारों में से किस मामले में उसकी हिरासत सौंपी जाए।
अदालत ने कहा, ‘सीएमएम मुंबई तुलनात्मक पात्रता निर्धारित करने और इस आरोपी की उसी मुताबिक हिरासत देने को स्वतंत्र है।’
बहरहाल जिंदाल के वकील एमएस खान ने अदालत से आग्रह किया कि मीडिया को उसके मुवक्किल के फोटो छापने से रोका जाए क्योंकि अदालत में उसका चेहरा ढंककर पेश किया जा रहा है और उसकी तस्वीरें छापने से उसका बचाव प्रभावित होगा। अदालत ने याचिका को मंजूरी दे दी।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे अब जिंदाल को हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है जिसके बाद उसकी हिरासत मुंबई एटीएस को सौंपी गई।
जिंदाल की हिरासत मुंबई के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को सौंपने के बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) विनोद यादव ने कहा कि उससे पूछताछ के बाद वापस दिल्ली लाया जाए क्योंकि एनआईए एवं अन्य एजेंसियों ने भी उसकी हिरासत की मांग की है।
दिल्ली पुलिस के साथ 30 दिनों की उसकी हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद जिंदाल को सीएमएम यादव के समक्ष पेश किया गया। दिल्ली पुलिस ने उससे 2010 में जामा मस्जिद विस्फोट और राजधानी में अन्य आतंकवादी हमले के सिलसिले में पूछताछ की थी।
30 वर्षीय जिंदाल लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और चार मामलों औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामला, 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमला, जर्मन बेकरी विस्फोट और नासिक अकादमिक हमला मामलों में मुंबई एटीएस को उसकी तलाश है।
अदालत ने जिंदाल की हिरासत एटीएस मुंबई को सौंपी और उसे मुंबई के सीएमएम के समक्ष पेश करने को कहा और वहां की मेट्रोपोलिटन अदालत पर इस निर्णय को छोड़ दिया कि मुंबई एटीएस को चारों में से किस मामले में उसकी हिरासत सौंपी जाए।
अदालत ने कहा, ‘सीएमएम मुंबई तुलनात्मक पात्रता निर्धारित करने और इस आरोपी की उसी मुताबिक हिरासत देने को स्वतंत्र है।’
बहरहाल जिंदाल के वकील एमएस खान ने अदालत से आग्रह किया कि मीडिया को उसके मुवक्किल के फोटो छापने से रोका जाए क्योंकि अदालत में उसका चेहरा ढंककर पेश किया जा रहा है और उसकी तस्वीरें छापने से उसका बचाव प्रभावित होगा। अदालत ने याचिका को मंजूरी दे दी।
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