अपने सामर्थ्य को भारत के सामर्थ्य का हिस्सा बनाएं, मन की बात में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे खिलाडियों ने भी देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया और एक-के-बाद एक मेडल जीतते ही चले गए.

अपने सामर्थ्य को भारत के सामर्थ्य का हिस्सा बनाएं, मन की बात में बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी की फाइल फोटो

खास बातें

  • भारत ने 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में रिकॉर्ड प्रदर्शन किया
  • विश्वभर में रमज़ान का महीना पूरी श्रद्धा और सम्मान से मनाया जाता है
  • पदक जीतना खिलाड़ियों के लिए गर्व और खुशी की बात होती ही है
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 43वें संस्‍करण में कहा कि प्रधानमंत्री ने आज मन की बात का आरम्भ हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुए 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स  के आयोजन की  चर्चा से किया और हज़ारों खिलाड़ी के जोश , जज़्बे , उत्साह, उनकी  आशाओं और आकांक्षाओं से भरे वहां के  माहौल को स्मरण किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे खिलाडियों ने भी देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया और एक-के-बाद एक मेडल जीतते ही चले गए. चाहे शूटिंग हो, रेस्लिंग हो,  वेटलिफ्टिंग हो, टेबल टेनिस हो या बैटमिंटन हो भारत ने रिकॉर्ड प्रदर्शन किया.

रमज़ान में दान का भी काफी महत्व है

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही दिनों में रमज़ान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है. विश्वभर में रमज़ान का महीना पूरी श्रद्धा और सम्मान से मनाया जाता है. पैगम्बर मोहम्मद साहब की शिक्षा और उनके सन्देश को याद करने का यह अवसर है. उनके जीवन से समानता और भाईचारे के मार्ग पर चलना यह हमारी ज़िम्मेदारी बनती है. उन्‍होंने कहा कि एक बार एक इंसान ने पैगम्बर साहब से पूछा- “इस्लाम में कौन सा कार्य सबसे अच्छा है?” पैगम्बर साहब ने कहा – “किसी गरीब और ज़रूरतमंद को खिलाना और सभी से सदभाव से मिलना, चाहे आप उन्हें जानते हो या न जानते हो”. उन्‍होंने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब ज्ञान और करुणा में विश्वास रखते थे. उन्हें किसी बात का अहंकार नहीं था. वह कहते थे कि अहंकार ही ज्ञान को पराजित करता रहता है.उन्‍होंने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब का मानना था कि यदि आपके पास कोई भी चीज़ आपकी आवश्यकता से अधिक है तो आप उसे किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति को दें, इसीलिए रमज़ान में दान का भी काफी महत्व है.

पदक जीतना खिलाड़ियों के लिए गर्व और खुशी की बात होती ही है
उन्‍होंने कहा कि मैच समाप्त होने के बाद जब पदक के साथ भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए ए‍थलिट पदक के साथ खड़े होते हैं, तिरंगा झंडा लपेटे होते हैं, जब राष्ट्रगान की धुन बजती है, उस समय  संतोष और खुशी का, गौरव का, मान-सम्मान का होने वाला भाव अपने आप में कुछ ख़ास होता है. उन्‍होंने कहा कि पदक जीतना खिलाड़ियों के लिए गर्व और खुशी की बात होती ही है. ये सभी देशवासियों के लिए अत्यंत गौरव का पर्व होता है.  पीएम मोदी ने कहा कि पिछले महीने ‘मन की बात’ के दौरान मैंने देशवासियों से ख़ास-करके हमारे युवकों से फिट इंडिया का आह्वान किया था और मुझे बहुत खुशी हुई कि लोग बड़े उत्साह के साथ इसके साथ जुड़ रहे हैं. उन्होंने पत्र भेजे हैं, सोशल मीडिया पर अपना फिटनेस मंत्र – #FitIndia stories भी शेयर की हैं.

भगवान बुद्ध की शिक्षा घृणा को दया से मिटाने की रहा दिखाती है


बाबा साहेब अंबेडकर को भी किया याद 

भगवान बुद्ध को भी श्रद्धांजलि दी ​

मन की बात में पीएम मोदी ने की जल-संरक्षण की बात 



जल संरक्षण के लिए औसतन 32 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए
आपको बता दें कि मन की बात के 42वें संस्करण में मोदी ने किसानों से लेकर स्वास्थय से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी थी. पीएम मोदी ने कई ऐसे लोगों का उल्लेख किया जिन्होंने समाज में अपना योगदान कुछ अलग काम करके दिया है. उन्होंने कानपुर के डॉक्टर से लेकर असम के रिक्शा चालक का जिक्र किया जिनके सरोकार से समाज को फायदा पहुंच रहा है.

VIDEO: मन की बात में पीएम मोदी बोले- नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं है
 

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