जम्मू-कश्मीर सीएम महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 35-ए (Article 35A) को लेकर चर्चा में है. इस अनुच्छेद को लेकर राज्य में सभी पार्टियां एकजुट होती दिख रही हैं और सभी ने इसे एकसुर में बनाए रखने की बात कही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला तो यहां तक कह चुके हैं कि अगर 35A हटाया जाता है तो राज्य में बड़ा विद्रोह होगा. वहीं, सीएम महबूबा मुफ्ती ने पिछले महीने ही बयान दिया था कि अगर राज्य के कानूनों से छेड़छाड़ हुई तो कश्मीर में तिरंगा थामने वाला कोई नहीं होगा. आज इस मुद्दे पर मुफ्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी करने वाली हैं.
पढ़ें- डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा. कश्मीर में तिरंगा ऐसे ही लहराता रहेगा जैसे देश के अन्य हिस्सों में
आइए जानें कि अनुच्छेद 35-ए से जुड़ी जरूरी बातें :
1- अनुच्छेद 35-ए संविधान का वह आर्टिकल है जो जम्मू कश्मीर विधानसभा को लेकर प्रावधान करता है कि वह राज्य में स्थायी निवासियों को पारभाषित कर सके.
2- साल 1954 में 14 मई को राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था. इस आदेश के जरिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 35 A जोड़ दिया गया. आर्टिकल 370 के तहत यह अधिकार दिया गया है.
3- साल 1956 में जम्मू कश्मीर का संविधान बना जिसमें स्थायी नागरिकता को परिभाषित किया गया.
पढ़ें- 'महबूबा की अरुण जेटली के साथ मुलाकात, लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास'
4- जम्मू कश्मीर के संविधान के मुताबिक, स्थायी नागरिक वह व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के 10 सालों से राज्य में रह रहा हो, और उसने वहां संपत्ति हासिल की हो.
5- साल 2014 में एक एनजीओ ने अर्जी दाखिल कर इस आर्टिकल को समाप्त करने की मांग की. यह केस अभी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.
वीडियो- जम्मू् कश्मीर में आर्टिकल 35ए के मुद्दे पर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस एकसाथ
6- इस याचिका पर अगले महीने अंतिम सुनवाई होनी है. राज्य सरकार इस आर्टिकल को हटाए जाने के खिलाफ है.
इनपुट : एजेंसियां
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आइए जानें कि अनुच्छेद 35-ए से जुड़ी जरूरी बातें :
1- अनुच्छेद 35-ए संविधान का वह आर्टिकल है जो जम्मू कश्मीर विधानसभा को लेकर प्रावधान करता है कि वह राज्य में स्थायी निवासियों को पारभाषित कर सके.
2- साल 1954 में 14 मई को राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था. इस आदेश के जरिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 35 A जोड़ दिया गया. आर्टिकल 370 के तहत यह अधिकार दिया गया है.
3- साल 1956 में जम्मू कश्मीर का संविधान बना जिसमें स्थायी नागरिकता को परिभाषित किया गया.
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4- जम्मू कश्मीर के संविधान के मुताबिक, स्थायी नागरिक वह व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के 10 सालों से राज्य में रह रहा हो, और उसने वहां संपत्ति हासिल की हो.
5- साल 2014 में एक एनजीओ ने अर्जी दाखिल कर इस आर्टिकल को समाप्त करने की मांग की. यह केस अभी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.
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6- इस याचिका पर अगले महीने अंतिम सुनवाई होनी है. राज्य सरकार इस आर्टिकल को हटाए जाने के खिलाफ है.
इनपुट : एजेंसियां
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