विज्ञापन

Jagdeep Dhankhar FAQs: जगदीप धनखड़ की शिक्षा, पर्सनल लाइफ, फैमिली, करियर और अब तक का राजनीतिक जीवन... जानिए उनके बारे में सबकुछ

FAQs about Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ ने इस्‍तीफे के पीछे स्‍वास्‍थ्‍य कारणों का हवाला दिया है. यानी वे अब अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे. आइए इस स्‍टोरी में जानते हैं जगदीप धनखड़ के बारे में सबकुछ. 

Jagdeep Dhankhar FAQs: जगदीप धनखड़ की शिक्षा, पर्सनल लाइफ, फैमिली, करियर और अब तक का राजनीतिक जीवन... जानिए उनके बारे में सबकुछ
जगदीप धनखड़
  • जगदीप धनखड़ ने राजस्थान के एक छोटे किसान परिवार से उपराष्ट्रपति पद तक का लंबा और बहुमुखी राजनीतिक सफर तय किया.
  • उन्होंने शिक्षा की शुरुआत गांव के सरकारी स्कूल से की और बाद में राजस्थान विश्वविद्यालय से विज्ञान तथा कानून की डिग्री प्राप्त की.
  • धनखड़ ने वकालत में महारत हासिल कर राजस्थान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में कार्य किया.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

Jagdeep Dhankhar FAQs: देश के उपराष्‍ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्‍तीफे के फैसले ने सबको चौंका दिया है. पक्ष और विपक्ष दोनों ही उनके कार्यकाल को याद कर रहे हैं और उनकी तारीफ कर रहे हैं. खास तौर पर राज्‍यसभा का सभापति रहते हुए उन्‍होंने जिस तरह सदन का संचालन किया, उसकी तारीफ की जाती रही है. चाहे वो अमर्यादित व्‍यवहार पर सदस्‍यों को चेतावनी देनी हो या फिर हल्‍के-फुल्‍के मजाकिया अंदाज में बातें करना, वो विपक्ष के नेताओं को भी अपने इस अंदाज का कायल बना चुके हैं. तभी तो जो विपक्ष एक समय उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव लाने की बात कर रहा था, आज उनकी तारीफ करते नहीं थक रहा. 

बहरहाल,  जगदीप धनखड़ ने इस्‍तीफे के पीछे स्‍वास्‍थ्‍य कारणों का हवाला दिया है. यानी वे अब अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे. आइए जानते हैं जगदीप धनखड़ के बारे में सबकुछ. 

जन्‍मतिथि, गांव और परिवार  

राजस्थान के ग्रामीण इलाके से भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पदों में से एक तक जगदीप धनखड़ का सफर, दृढ़ता, बहुमुखी प्रतिभा और जनसेवा की कहानी है. 18 मई, 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक छोटे से गांव किठाना में जन्मे जगदीप धनखड़ एक साधारण किसान परिवार से आते हैं. उन्हें अक्सर 'किसान पुत्र' भी कहा जाता है. बीजेपी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए उनके नॉमिनेशन के दौरान अपने राजनीतिक संदेश में उनकी यही पृष्ठभूमि उजागर की थी. वे चार दशकों से भी ज्यादा समय से सार्वजनिक जीवन में रहे हैं.  

Latest and Breaking News on NDTV

शिक्षा: पहले सरकारी फिर सैनिक स्‍कूल और फिर... 

जगदीप धनखड़ की शुरुआती पढ़ाई गांव किठाना के ही सरकारी माध्यमिक विद्यालय से हुई. गांव से पांचवीं तक की पढ़ाई के बाद उनका दाखिला गरधाना के सरकारी मिडिल स्कूल में हुआ. इसके बाद उन्होंने चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में भी पढ़ाई की, जो कई उल्लेखनीय सैन्य और सार्वजनिक सेवा हस्तियों को तैयार करने के लिए जाना जाता है. बाद में उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उसी विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की.

धनखड़ की फैमिली में कौन-कौन हैं?

जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा, जगदीप धनखड़ का जन्‍म एक साधारण किसान परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम गोकल चंद और मां का नाम केसरी देवी है. गोकल चंद और केसरी देवी की 4 संतानें हुईं. धनखड़ अपने चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर आते हैं. साल 1979 में धनखड़ की शादी डॉ सुदेश धनखड़ से हुई. दोनों की दो संतानें हुईं. बेटे का नाम रखा दीपक और बेटी का नाम कामना रखा.

खुशी-खुशी जीवन गुजर रहा था, लेकिन एक अनहोनी ने उनसे एक संतान छीन ली. उनका बेटा दीपक जब महज 14 वर्ष का था, तब उसे ब्रेन हैमरेज हो गया. इलाज के लिए वे बेटे को दिल्‍ली लेकर आए, लेकिन बेटे की जान नहीं बच पाई. बेटे की मौत ने जगदीप को पूरी तरह से तोड़ दिया. लेकिन धनखड़ ने खुद को भी संभाला और परिवार के अन्‍य सदस्‍यों को भी.  

Latest and Breaking News on NDTV

करियर: हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में वकालत 

धनखड़ ने 1979 में राजस्थान बार काउंसिल में पंजीकरण के बाद अपनी वकालत शुरू की. एक कुशल कानूनी विशेषज्ञ के रूप में उनकी प्रतिष्ठा तेजी से बढ़ी. 1990 में उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किया गया और वे राज्य के सबसे प्रतिष्ठित कानूनी पेशेवरों में से एक बन गए.

उन्होंने कई उच्च न्यायालयों और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वकालत की, जहां उन्होंने विभिन्न प्रकार के मामलों की पैरवी की. धनखड़ को राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इस भूमिका ने कानूनविदों कके बीच उनकी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया.

Latest and Breaking News on NDTV

राजनीतिक करियर: उपराष्‍ट्रपति की कुर्सी तक का सफर

बाद में उन्होंने 1989 में झुंझुनू से जनता दल के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतकर राजनीति में प्रवेश किया और फिर सार्वजनिक जीवन में लंबा सफर तय किया. संसद में उनकी स्पष्ट वकालत ने उन्हें जल्द ही मंत्री पद दिला दिया. 1990 में प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कार्यकाल में उन्हें संसदीय कार्य राज्य मंत्री नियुक्त किया गया. उन्होंने सरकार और विधानमंडल के बीच महत्वपूर्ण समन्वय का कार्यभार संभाला.

बाद में उन्होंने 1993 से 1998 तक राजस्थान विधानसभा के सदस्य के रूप में किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. धनखड़ राजनीतिक रूप से सक्रिय रहे और जनता दल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) और अंततः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित कई दलों से जुड़े रहे. जुलाई 2019 में धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. 

Latest and Breaking News on NDTV

पश्चिम बंगाल में ममता सरकार से टकराव 

जुलाई 2019 में धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. इस पद पर रहते हुए वे राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल के केंद्र में रहे. उनके कार्यकाल के दौरान ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के साथ संघवाद, विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर उनका लगातार टकराव हुआ. उनके आलोचकों ने उन पर संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. हालांकि, धनखड़ ने जोर देकर कहा कि वह लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए काम कर रहे थे.

भारी जीत दर्ज कर बने उपराष्‍ट्रपति 

16 जुलाई, 2022 को भाजपा ने उपराष्ट्रपति पद के लिए धनखड़ को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का उम्मीदवार घोषित किया. 6 अगस्त, 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में धनखड़ ने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 710 वैध मतों में से 528 मतों से हराया, और 74.37 प्रतिशत मत हासिल किए, जो 1992 के बाद से जीत का सबसे बड़ा अंतर है. उनके चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया और उसके केवल दो सदस्यों ने ही मतदान किया. उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ ने राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में भी कार्य किया, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण विधायी सत्रों की अध्यक्षता की. संसदीय नियमों के प्रति अपने कठोर पालन और स्पष्ट दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध धनखड़ को सभी दलों में समान रूप से सम्मान मिला.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com