
- दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर फर्जी शेंगेन वीज़ा रैकेट के मुख्य एजेंट रविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.
- रविंदर ने 31 लाख रुपये लेकर दो युवकों को स्वीडन भेजने के लिए नकली वीज़ा और फ्लाइट टिकट का झांसा दिया था.
- एजेंट रविंदर ने बताया कि वह दसवीं तक पढ़ा है और कई सालों से विदेश भेजने के गोरखधंधे में लगा है.
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन टीम को बड़ी सफलता मिली है. शेंगेन फर्जी वीज़ा के ज़रिए दो यात्रियों को स्वीडन भेजने की कोशिश कर रहे एक शातिर एजेंट रविंदर सिंह उर्फ लाली को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस केस में अब तक पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि मुख्य आरोपी महज 10वीं तक पढ़ा है, लेकिन कई वर्षों से मोटी रकम लेकर लोगों को विदेश भेजने के गोरखधंधे में लगा हुआ था.
पंजाब से रोम होकर स्वीडन जाने वाले थे
पुलिस की नजर में ये मामला 20-21 मई की रात को उस समय आया, जब दो युवक तरनवीर सिंह और गगनदीप सिंह पंजाब के होशियारपुर जिले के गांव डुगरी से दिल्ली पहुंचे. दोनों आईजीआई एयरपोर्ट पर रोम (इटली) होते हुए स्वीडन जाने की फिराक में थे. जब उनके पासपोर्ट और वीज़ा की जांच की गई तो शक हुआ. गहरा से जांच में पता चला कि उनके शेंगेन वीज़ा फर्जी थे. बता दें कि शेंगेन वीज़ा के जरिए यूरोप में शेंगेन क्षेत्र के 29 सदस्य देशों में यात्रा कर सकते हैं.
31 लाख में वीजा, टिकट दिलाने का झांसा
दोनों युवकों को गिरफ्तर करके पूछताछ की गई तो उन्होंने पुलिस को बताया कि वे आपस में भाई हैं. उनके कुछ रिश्तेदार पहले से स्वीडन में रह रहे हैं. वहां बेहतर जिंदगी और मोटी कमाई के लालच में उन्होंने भी विदेश जाने की ठानी. इसके लिए वे एक एजेंट लाली उर्फ रविंदर सिंह के संपर्क में आए. उसने 31 लाख रुपये लेकर उन्हें वीज़ा दिलाने और फ्लाइट टिकट अरेंज करने का झांसा दिया.
एयरपोर्ट में जांच में पकड़े गए फर्जी वीजा
युवकों के मुताबिक, रविंदर सिंह ने उनके पासपोर्ट ले लिए और दिल्ली के महिपालपुर इलाके के एक होटल में रुकवाया. वहां एक और एजेंट अभिनेश सक्सेना उन्हें वीज़ा वाले पासपोर्ट देकर गया. लेकिन ये फर्जी वीजा थे. एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन जांच में सब पकड़ में आ गया.
असली वीजा नहीं बना तो नकली थमा दिया
इस रैकेट में अहमदाबाद से कमलकांत सुरेश बाबू झा नाम का एक और एजेंट भी शामिल है. उसमें कथित तौर पर अहमदाबाद के VFS ग्लोबल के दफ्तर में बायोमेट्रिक और डॉक्युमेंटेशन के लिए युवकों की मदद की थी. लेकिन जब वहां वीज़ा रिजेक्ट हो गया तो कमलकांत ने फर्जी वीज़ा बनवा दिया.
कई वर्षों से फर्जी वीजा रैकेट चला रहा
पुलिस ने जांच के आधार पर कमलकांत, अभिनेश और अब मुख्य एजेंट रविंदर सिंह उर्फ लाली को गिरफ्तार कर लिया है. रविंदर सिंह गिरफ्तारी से बचता फिर रहा था. पंजाब में उसके कई ठिकानों पर रेड की गई. आखिरकार उसे पंजाब से ही गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह 10वीं तक पढ़ा है और कई सालों से ट्रैवल एजेंट का काम कर रहा है. उसने कथित तौर पर कबूला कि वह लोगों को स्वीडन, इटली जैसे देश भेजने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था और फर्जी वीज़ा का जाल फैलाता था.
रैकेट में अब तक ये आरोपी गिरफ्तार
- रविंदर सिंह उर्फ लाली – मुख्य एजेंट (होशियारपुर, पंजाब)
- तरनवीर सिंह – यात्री
- गगनदीप सिंह – यात्री
- कमलकांत सुरेश बाबू झा – सह एजेंट (वडोदरा, गुजरात)
- अभिनेश सक्सेना – दिल्ली में डिलीवरी एजेंट
पुलिस पूरे रैकेट की गहराई से जांच कर रही है. यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि इससे पहले किन-किन लोगों को फर्जी वीज़ा दिलाया गया था, पैसों का ट्रांजेक्शन किस तरह हुआ था और क्या इस रैकेट में विदेश में बैठे एजेंट भी जुड़े हुए हैं या नहीं.
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