प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
आंतरिक राजस्व सेवा (आईआरएस) कॉल सेंटर घोटाले के मास्टरमाइंड अमेरिका, आस्ट्रेलिया और कनाडाई नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने के अलावा इसी प्रकार के चार अन्य घोटालों में शामिल हो सकते हैं.
एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह सूचना कई करोड़ रपए के घोटाले के कथित सरगना सागर ठक्कर उर्फ शैगी के एक निकट सहयोगी एवं मुख्य आरोपी के खुलासों पर आधारित है, उसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि इस घोटाले में वे उन सब्सक्राइबरों के डेटा अवैध रूप से प्राप्त करते थे जो नियमित रूप से जेनिक्स, ट्रांस टोइल, ऑक्साइड, हाइड्रोफोन जैसी दवाइयों का इस्तेमाल करते थे. वे इस बात पर जोर देते थे कि वे उन्हें खरीदे और उनके साथ हजारों डॉलर की धोखाधड़ी करते थे.
अधिकारी ने कहा कि ठाणे अपराध शाखा की टीम इस घोटाले के संबंध में और जानकारी प्राप्त करने पर काम कर रही है.
एक अन्य रैकेट में अमेरिका में लोगों को ऋण मंजूरी के लिए कॉल किए जाते थे, जिसमें भुगतान किश्तों में किया जाता था. पीड़ित को लुभाने के लिए उसके खाते में बिना किसी दस्तावेजीकरण के हजारों डॉलर की ऋण राशि जमा की जाती थी.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यदि पीड़ित ऋण प्राप्त करने में रचि दिखाता था तो कॉल सेंटर का कर्मी राशि जारी करने के लिए एक अग्रिम ईएमआई मांगता था. पीड़ित द्वारा ईएमआई राशि जमा करते ही उसके खाते में डाली गई ऋण राशि वापस ले ली जाती थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह सूचना कई करोड़ रपए के घोटाले के कथित सरगना सागर ठक्कर उर्फ शैगी के एक निकट सहयोगी एवं मुख्य आरोपी के खुलासों पर आधारित है, उसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि इस घोटाले में वे उन सब्सक्राइबरों के डेटा अवैध रूप से प्राप्त करते थे जो नियमित रूप से जेनिक्स, ट्रांस टोइल, ऑक्साइड, हाइड्रोफोन जैसी दवाइयों का इस्तेमाल करते थे. वे इस बात पर जोर देते थे कि वे उन्हें खरीदे और उनके साथ हजारों डॉलर की धोखाधड़ी करते थे.
अधिकारी ने कहा कि ठाणे अपराध शाखा की टीम इस घोटाले के संबंध में और जानकारी प्राप्त करने पर काम कर रही है.
एक अन्य रैकेट में अमेरिका में लोगों को ऋण मंजूरी के लिए कॉल किए जाते थे, जिसमें भुगतान किश्तों में किया जाता था. पीड़ित को लुभाने के लिए उसके खाते में बिना किसी दस्तावेजीकरण के हजारों डॉलर की ऋण राशि जमा की जाती थी.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यदि पीड़ित ऋण प्राप्त करने में रचि दिखाता था तो कॉल सेंटर का कर्मी राशि जारी करने के लिए एक अग्रिम ईएमआई मांगता था. पीड़ित द्वारा ईएमआई राशि जमा करते ही उसके खाते में डाली गई ऋण राशि वापस ले ली जाती थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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