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This Article is From Mar 31, 2020

'अप्रैल के मध्य में इमरजेंसी की घोषणा,' भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर फैली इस अफवाह का किया खंडन

सेना ने ट्वीट के जरिये उन अफवाहों का खंडन किया है कि अप्रैल के मध्य में इमरजेंसी की घोषणा कर दी जाएगी.  सेना ने साफ किया है कि सोशल मीडिया में फैलाया जा रहा ये वायरल मैसेज पूरी तरह से गलत और दुर्भावनापूर्ण है.

'अप्रैल के मध्य में इमरजेंसी की घोषणा,' भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर फैली इस अफवाह का किया खंडन
भारतीय सेना ने इमरजेंसी लगने वाली अफवाह का खंडन किया है
नई दिल्ली:

भारतीय सेना ने ट्वीट के जरिये उन अफवाहों का खंडन किया है कि अप्रैल के मध्य में इमरजेंसी की घोषणा कर दी जाएगी.  सेना ने साफ किया है कि सोशल मीडिया में फैलाया जा रहा ये वायरल मैसेज पूरी तरह से गलत और दुर्भावनापूर्ण है. गौरतलब है जब भारत कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अनेक झूठ दावे फैलाये जा रहे हैं जिसमें आसन्न आपातकाल की घोषणा और लॉकडाउन की अवधि बढ़ाये जाने के दावे शामिल हैं.  आधिकारिक एजेंसियों और तथ्य जांचने वाली कई निजी इकाइयों ने फेकन्यूज को तत्परता से खारिज किया है लेकिन पूरी तरह से अफवाह एवं आधी सच्चाई का सोशल मीडिया पर फैलाया जाना जारी है.  इनमें से कुछ अफवाहें ऐसे धोखाधड़ी करने वालों द्वारा फैलायी जा रही हैं जो सरकारी राहत कोष के नाम पर फर्जी बैंक अकाउंट की जानकारी प्रसारित करके आसानी से धनराशि की उगाही करना चाहते हैं. 

सोमवार को सोशल मीडिया पर फैलाये गए एक मजाक के जाल में कई लोग फंस गए। इसके तहत एक दस्तावेज जारी करके उसमें उसे एक सरकारी घोषणा बताते हुए दावा किया गया कि सरकार ने 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि विस्तारित करने की बात कही है. 

भारतीय सेना को भी एक फेक न्यूज को खारिज करना पड़ा जिसमें दावा किया गया था कि अप्रैल में आसन्न आपातकाल की घोषणा की जाने वाली है. सेना के जन सूचना विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजीपीआई) ने ट्वीट किया, 'सोशल मीडिया पर अप्रैल के मध्य में देश में आपातकाल लगाने की संभावित घोषणा और नागरिक प्रशासन की मदद के लिये भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्मियों, एनसीसी और एनएसएस की सहायता लेने के फर्जी और दुर्भावनापूर्ण संदेश फैलाये जा रहे हैं. स्पष्ट किया जाता है कि यह पूरी तरह फर्जी हैं.'

सरकार ने कोरोना वायरस संकट से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 मार्च को घोषित 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि को बढ़ाने की योजना के बारे में अफवाहों को भी खारिज कर दिया.  कैबिनेट सचिव राजीव गौबा का स्पष्टीकरण हजारों प्रवासी श्रमिकों के पिछले पांच दिनों में बड़े शहरी केंद्रों से पैदल चलकर अपने घरों तक पैदल यात्रा शुरू किये जाने के बाद आया. 

सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो ने एक ट्वीट में कहा, "ऐसी अफवाहें और मीडिया की खबरें हैं जिसमें दावा किया गया है कि सरकार 21 दिवसीय लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने पर इसे विस्तारित करेगी। कैबिनेट सचिव ने इन रिपोर्टों का खंडन किया है और कहा कि ये निराधार हैं."

पीआईबी के फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल ने भी लोगों से कहा कि वे ‘पीएम केयर्स फंड' के बारे में फैलायी जा रही फर्जी अकाउंट की जानकारी से सावधान रहें. दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध इकाई ने रविवार को एक फर्जी ‘यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस'(यूपीआई) आईडी का पता लगाया था जिसे कोरोना वायरस प्रकोप से मुकाबले के लिए हाल में शुरू किये गए पीएम केयर्स फंड के दानदाताओं को धोखा देने के लिए बनाया गया था. 

डीसीपी (अपराध शाखा) अनयेश रॉय ने एक ट्वीट में कहा कि pmcare@sbi आईडी से एक फर्जी यूपीआई बनायी गई थी जो कि सही आईडी pmcares@sbi से मिलती जुलती थी. 

(इनपुट : भाषा से भी)

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