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This Article is From Jan 04, 2024

दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, दालों की ऑनलाइन खरीददारी और भुगतान करेगी सरकार

दलहन में मेहनत करने के बावजूद दाम नहीं मिलते थे. इसीलिए किसान दलहन नहीं उगा रहे हैं. उत्पादन से पहले अगर किसान रजिस्ट्रेशन करा लेंगे उनका MSP से ख़रीदा जाएगा . अगर MSP से ज़्यादा दाम है तो औसत निकालकर बाज़ार मूल्य पर भी दलहन ख़रीदा जाएगा.

दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, दालों की ऑनलाइन खरीददारी और भुगतान करेगी सरकार
दलहन उत्पादक किसानों से अब पोर्टल के ज़रिए सरकार सीधे दाल ख़रीदेगी.

New Pulse Production Website For Farmers : दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में है भारत. सरकार इसके लिए बहुत ही बड़ा कदम उठा रही है. दरअसल, भारत सरकार एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रही है. इसकी मदद से किसान सीधे सरकार को दाल बेच सकेंगे और इसी पोर्टल की मदद से किसानों का भुगतान भी होगा. गुरुवार को केंद्रीय सहकारिता मंत्री एक पोर्टल लॉन्च करेंगे. देखा जाए तो सरकार का यह बहुत ही बड़ा कदम है. इस पोर्टल की मदद से दाल उत्पादक किसानों की ज़िंदगी और आसान हो जाएगी.

गुरुवार को केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह अरहर यानि तूर दाल के किसानों के पंजीकरण, ख़रीद और भुगतान पोर्टल लॉन्च करेंगे . दलहन उत्पादक किसानों से अब पोर्टल के ज़रिए सरकार सीधे दाल ख़रीदेगी. किसानों को वेबसाइट पर रजिस्टर्ड करना होगा. इसी वेबसाइट से NAFED और NCCF के ज़रिए दाल की ख़रीद और भुगतान होगा.

बीते दिनों दाल ख़ासकर अरहर या तूर की क़ीमतों में 40 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि चना 11 फ़ीसदी और मूँग क़रीब 13 फ़ीसदी दाम में बढ़ोतरी हुई है. फ़िलहाल क़ीमतों को क़ाबू में रखने के लिए सरकार तूर यानि अरहर की दाल 4 लाख टन आयात कर रही है. इस साल अरहर दाल की बुआई का रक़बा भी घटा है इसे बढ़ना सरकार के लिए चुनौती है.

इस साल करीब 43.86 लाख हेक्टेयर में हुई जबकि पिछले साल 46.12 लाख हेक्टेयर रक़बे में बुआई हुई थी. देशभर के दलहन उत्पादन को बढ़ावा  देने के लिए देशभर के किसानों को दिल्ली बुलाया गया है. क़रीब 11.30 बजे अमित शाह पोर्टल को लॉंच करेंगे और किसानों को संबोधित करेंगे.

अमित शाह सहकारिता मंत्री 

कम से कम MSP और इससे ज़्यादा बाज़ार रेट पर तूर दाल के भुगतान की शुरुआत की. दलहन के उत्पादन में दे़श की आत्मनिर्भरता को गति दिया जाएगा. भूमि सुधार और जल संरक्षण में बदलाव आने वाला है. कृषि क्षेत्र में सुधार आने वाला है.
मूँग और तने में आत्मनिर्भर है लेकिन बाक़ी दलहन में हम आत्मनिर्भर नहीं है. 2023 में दलहन का आयात करना हमारे लिए सम्माजनक नहीं है. दलहन के किसानों पर बड़ा ज़िम्मा है कि दलहन में आत्मनिर्भर हो . 2027 में दलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर होंगे . इसके लिए कई बैठक कृषि और सहकारिता मंत्रालय के बीच हुई है.

दलहन में मेहनत करने के बावजूद दाम नहीं मिलते थे. इसीलिए किसान दलहन नहीं उगा रहे हैं. उत्पादन से पहले अगर किसान रजिस्ट्रेशन करा लेंगे उनका MSP से ख़रीदा जाएगा . अगर MSP से ज़्यादा दाम है तो औसत निकालकर बाज़ार मूल्य पर भी दलहन ख़रीदा जाएगा. किसानों से कहता हूँ कि आपकी दलहन हम ख़रीदेंगे. शाकाहारी के लिए प्रोटीन के बड़े स्रोत के तौर पर दलहन है ये पोषण से भी जुड़ा है.दलहन की फसल उगाने पर नाइट्रोजन की ज़रूरत खेतों में अपने आप पूरी हो जाती है..दलहन के उत्पादन में पानी की ज़रूरत कम होती है इस बाबत भी फ़ायदेमंद है. इसीलिए इस तरह की फसल को आप चयनित करे.

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