
- नीतीश कुमार ने बिहार के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना शुरू की है, जो इसी महीने से लागू होगी.
- नीतीश इससे पहले शिक्षकों की भर्ती, महिलाओं के लिए 35 पर्सेंट आरक्षण, एक करोड़ नौकरी-रोजगार के लिए प्रयास और पेंशन बढ़ाने जैसे ऐलान कर चुके हैं.
- बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच नीतीश कुमार की ये घोषणाएं क्या एनडीए के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित होंगी?
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है. उन्होंने प्रदेश के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए हर महीने 125 यूनिट तक बिजली फ्री कर दी है. दिल्ली में भी अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त बिजली का दांव चला था और बंपर जीत हासिल की थी. चुनावी बयार के बीच नीतीश कुमार बिजली से पहले भी कई बड़ी सौगातों का ऐलान कर चुके हैं. इनके जरिए महिलाओं, शिक्षकों, युवाओं, बुजुर्गों को लुभाने की कोशिश की गई है. क्या बिहार में नीतीश कुमार का ये दांव एनडीए के लिए गेमचेंजर साबित हो सकेगा? क्या ये ऐलान उनके लिए सीटों की सौगात लेकर आएगा, एक-एक करके समझते हैं.
125 यूनिट मुफ्त बिजली
ऐलानः 125 यूनिट तक बिजली फ्रीः बिहार में घरेलू उपभोक्ताओं को अब 125 यूनिट तक बिजली फ्री मिलेगी. जुलाई के महीने से ही इसका फायदा मिलेगा यानी 1 अगस्त से आने वाले बिलों में यह छूट जुड़कर आएगी.
फायदाः इस योजना से राज्य के 1 करोड़ 67 लाख से अधिक परिवारों को लाभ मिलने का दावा किया गया है. बिहार में बिजली एक बड़ी समस्या रही है. इस छूट के जरिए नीतीश ने एक बड़ी आबादी को लुभाने का दांव चला है. ऐसी ही योजना से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सियासी फायदा उठा चुके हैं.
घरों की छतों पर सौर ऊर्जा प्लांट
ऐलानः नीतीश ने ऐलान किया है कि घरेलू उपभोक्ताओं की सहमति से उनके घरों की छतों पर या नजदीकी पब्लिक प्लेस पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे. अत्यंत निर्धन परिवारों के लिए प्लांट लगाने का खर्च सरकार उठाएगी. बाकियों को भी मदद दी जाएगी.
फायदाः नीतीश ने इस योजना के जरिए एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है. सौर ऊर्जा को भविष्य की ऊर्जा माना जाता है, लेकिन इसके महंगे उपकरण इसकी सफलता में बाधक हैं. ये कई राज्यों में दिख चुका है. नीतीश ने अत्यंत गरीबों के यहां मुफ्त में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने का दांव खेला है. इससे अति पिछड़ों में जगह बनाने की कोशिश की है. साथ ही बिहार को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे ले जाने का प्रयास किया है.
चौथे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा
ऐलानः नीतीश कुमार में राज्य में चौथे चरण की टीचर भर्ती (TRE-4) परीक्षा जल्दी करवाने का निर्देश दिया है. इसके जरिए 1.2 लाख नए पदों पर भर्तियां होने की उम्मीद है. इस दौरान प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर नियुक्तियां की जाएंगी.
मकसदः बिहार में शिक्षक भर्ती एक बड़ा मुद्दा रही है. कई बार इसे लेकर बड़े आंदोलन भी हुए हैं. नए ऐलान से नीतीश ने शिक्षक बनने के इच्छुक युवाओं को लुभाने की कोशिश की है. TRE के पहले चरण में 1.70 लाख, दूसरे चरण में 70 हजार, तीसरे चरण में 66 हजार से ज्यादा पदों पर भर्तियां हुई थीं. नए फेज की भर्ती में महिलाओं को 35 फीसदी का रिजर्वेशन भी मिलेगा.
एक करोड़ नौकरी-रोजगार का प्रयास
ऐलानः बिहार कैबिनेट ने हाल ही में अगले पांच साल में एक करोड़ नौकरियों और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रयास दोगुना करने की घोषणा की थी. इसके तहत प्राइवेट सेक्टर और उद्योगों में भी नई नौकरियां सृजित की जाएंगी.
मकसदः युवाओं के बीच रोजगार एक बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है. बिहार में कामकाजी वर्ग की बड़ी आबादी है. राज्य से बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में दूसरे राज्यों का रुख करते हैं. उनके लिए राज्य में ही नौकरी की व्यवस्था हो जाए तो एक बड़ा वर्ग संतुष्ट हो सकता है. हालांकि इसे पूरी तरह लागू करने के लिए कड़े प्रयास जरूरी हैं.
स्थानीय महिलाओं को 35% आरक्षण
ऐलानः नीतीश सरकार ने सभी सरकारी नौकरियों में बिहार की महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. ये क्षैतिज आरक्षण सभी तरह की सरकारी नौकरियों पर लागू होगा.
फायदाः नीतीश ने इस ऐलान से महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है जो महिला वोटरों को आकर्षित कर सकता है. बिहार के लगभग 8 करोड़ वोटरों में पौने चार करोड़ महिलाएं हैं. ये महिला वोटर नीतीश की ताकत रही हैं. इनकी बदौलत लोकसभा चुनाव में उन्होंने कई सीटें हासिल की हैं. नीतीश अब इसे नेक्स्ट लेवल पर ले जाना चाहते हैं.
पेंशन में करीब तिगुनी बढ़ोतरी
ऐलानः नीतीश सरकार ने बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवा पेंशन में भी बढ़ोतरी का ऐलान किया है. सामाजिक सुरक्षा पेंशन को लगभग तिगुना कर दिया गया है. 400 रुपये की जगह अब 1100 रुपये पेंशन हो गई है.
फायदाः इस ऐलान से नीतीश ने लगभग सवा करोड़ लोगों को लुभाने का प्रयास किया है. समाज के कमजोर तबकों को इससे सहारा मिलेगा. बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की बड़ी आबादी के लिए यह एक बड़ी राहत की तरह है.
नीतीश कुमार ने हर तबके को लुभाने के लिए योजनाओं को घोषणा की है. चुनाव के ऐलान में अभी वक्त है. आगे भी कई और योजनाओं की सौगात सामने आ सकती है, लेकिन इन योजनाओं का कितना सियासी लाभ उन्हें चुनावों में मिलेगा, ये तो वक्त ही बताएगा.
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