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This Article is From Jan 30, 2017

Exclusive: सर्जिकल स्ट्राइक टीम के कमांडर थे एक मेजर, चार आतंकी ढेर किए

Exclusive: सर्जिकल स्ट्राइक टीम के कमांडर थे एक मेजर, चार आतंकी ढेर किए
मेजर के नेतृत्व में सेना की टीम ने पाक-अधिकृत कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया था
नई दिल्ली: पाकिस्तान के खिलाफ किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में शिरकत के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित किए गए कुल 22 फौजियों में से शीर्ष वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र (शांतिकाल में दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार) एक मेजर को दिया गया है, जिन्होंने ऑपरेशन के दौरान नज़दीकी संघर्ष में चार लोगों को मार गिराया था (सूत्रों के अनुसार ये चारों आतंकवादी और संभवतः उनके पाकिस्तानी सेना के हैंडलर थे). भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि यह मेजर उस टीम के 'मिशन लीडर' थे, जिसे नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकवादी अड्डों को नष्ट करने का काम सौपा गया था, और इसी मेजर ने पाक-अधिकृत कश्मीर में इन छांटे गए लक्ष्यों के बारे में उपलब्ध जानकारी का विश्लेषण कर और उन पर बारीक नज़र रखकर इस अत्यंत गोपनीय ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार की थी.

पुरस्कार को लेकर पहली बार विस्तृत जानकारी देते हुए सेना ने कहा, "इस मेजर ने अपने एक साथी के साथ खुले इलाके में ही दो संतरियों को घेरकर ढेर कर दिया..." सेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कमांडर के रूप में ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे मेजर ने इन दोनों संतरियों के अलावा दो अन्य दुश्मनों को भी ढेर किया.

कश्मीर के उरी में सेना के एक बेस पर सितंबर में हुए आतंकवादी हमले की जवाबी कार्रवाई के तौर पर भारतीय सेना ने 29 सितंबर को पाक-अधिकृत कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया था. सेना का कहना है कि इस मेजर को कीर्ति चक्र उत्कृष्ट योद्धा होने, खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की उनकी बेमिसाल क्षमता और कर्तव्यों को लेकर उनकी अगाध प्रतिबद्धता के लिए दिया गया है.

सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी सारी जानकारी को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था. यह भी सार्वजनिक नहीं किया गया कि ऑपरेशन में कुल कितने सैनिकों ने भाग लिया था. सेना के सूत्रों ने बताया कि जवानों ने आधी रात को ऑपरेशन शुरू किया था, और पाक-अधिकृत कश्मीर में दो किलोमीटर तक भीतर चले गए थे. भारत के कई बड़े शहरों में हमला करने की साजिशें रच रहे कई दर्जन आतंकवादियों को ढेर कर भारतीय जवान सूर्योदय से पहले लौट भी आए थे.

सुबह लगभग 4:30 बजे भारतीय सीमा में लौटने से पहले आतंकवादियों के सात लॉन्च पैडों को निशाना बनाया गया. सूत्रों के अनुसार, हर लॉन्च पैड पर 30 से 40 आतंकवादी मौजूद थे, और सेना ने कहा था कि 'भारी जानी नुकसान हुआ है...' ऑपरेशन में सेना तथा पैरा कमांडो के जवानों ने भाग लिया था.

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