दिल्ली में स्मॉग (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
"दिल्ली में प्रदूषण 20 फीसदी पराली की वजह से है और 80 फीसदी दिल्ली के अंदरूनी वजह से", पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने NDTV से बातचीत में ये बात कही. दवे ने कहा कि दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की छाई हुई घनी चादर सिर्फ़ हरियाणा, पंजाब के खेतों से उठे धुएं की वजह से नहीं है, बल्कि यहीं के पेट्रोल, डीजल और कचरे और लकड़ी जलाने का नतीजा है. पांच राज्यों- दिल्ली, यूपी, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक से निकल कर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने ये बात कही.
पंजाब-हरियाणा को ये बात रास आ रही है
हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर ने सोमवार को कहा, "सिर्फ पराली जलाने से NCR में धुंध नहीं छाई है. इसके कई कारण हैं. हम पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.'' जबकि पंजाब के कृषि मंत्री तोता सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में दावा किया, "हमें बदनाम किया जा रहा है. पराली से दिल्ली में प्रदूषण नहीं है. हमने सख्ती से किसानों के खिलाफ कार्रवाई की है.''
राजधानी दिल्ली में सोमवार को जगह-जगह NDMC के कर्मचारी जेट प्रेशर के ज़रिये पानी का छिड़काव करते नज़र आए. मेट्रो कंस्ट्रक्शन साइट्स तक सफाई शुरू हो गई.
बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट वाले ट्रकों का चालान किया जा रहा है. स्कूल बंद किए गए हैं.
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन कहते हैं, दिल्ली सरकार ने अब ऑड-ईवेन योजना पर फिर सोचना शुरू कर दिया है. इमरान ने एनडीटीवी से कहा, "ऑड-इवेन स्कीम एक विकल्प है. इसकी बहुत तैयारी करनी पड़ती है. सरकार इसकी तैयारी कर रही है. अगर ज़रूरत पड़ेगी तो इसे लागू करेंगे".
दिल्ली सरकार को भारत सरकार का भी समर्थन मिलता दिख रहा है. पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने एनडीटीवी से कहा, "प्रदूषण को रोकने के लिए हमें सारे प्रयोग करने चाहिये. लेकिन प्रयोग और राजनीति को अलग रखना चाहिये".
ये सब मान रहे हैं कि हालात इमरजेंसी जैसे हैं. इनसे निबटने के लिए हर किसी को कोशिश करनी होगी. हर साल इस सीज़न में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है. लेकिन इस बार जिस तरह से प्रदूषण ने भयावह रूप ले लिया. उसके बाद ये सवाल उठने लगा है कि समय रहते भारत सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर इससे निपटने के लिए रोडमैप तैयार क्यों नहीं किया. जिसकी तैयारी अब की जा रही है.
पंजाब-हरियाणा को ये बात रास आ रही है
हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर ने सोमवार को कहा, "सिर्फ पराली जलाने से NCR में धुंध नहीं छाई है. इसके कई कारण हैं. हम पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.'' जबकि पंजाब के कृषि मंत्री तोता सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में दावा किया, "हमें बदनाम किया जा रहा है. पराली से दिल्ली में प्रदूषण नहीं है. हमने सख्ती से किसानों के खिलाफ कार्रवाई की है.''
राजधानी दिल्ली में सोमवार को जगह-जगह NDMC के कर्मचारी जेट प्रेशर के ज़रिये पानी का छिड़काव करते नज़र आए. मेट्रो कंस्ट्रक्शन साइट्स तक सफाई शुरू हो गई.
बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट वाले ट्रकों का चालान किया जा रहा है. स्कूल बंद किए गए हैं.
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन कहते हैं, दिल्ली सरकार ने अब ऑड-ईवेन योजना पर फिर सोचना शुरू कर दिया है. इमरान ने एनडीटीवी से कहा, "ऑड-इवेन स्कीम एक विकल्प है. इसकी बहुत तैयारी करनी पड़ती है. सरकार इसकी तैयारी कर रही है. अगर ज़रूरत पड़ेगी तो इसे लागू करेंगे".
दिल्ली सरकार को भारत सरकार का भी समर्थन मिलता दिख रहा है. पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने एनडीटीवी से कहा, "प्रदूषण को रोकने के लिए हमें सारे प्रयोग करने चाहिये. लेकिन प्रयोग और राजनीति को अलग रखना चाहिये".
ये सब मान रहे हैं कि हालात इमरजेंसी जैसे हैं. इनसे निबटने के लिए हर किसी को कोशिश करनी होगी. हर साल इस सीज़न में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है. लेकिन इस बार जिस तरह से प्रदूषण ने भयावह रूप ले लिया. उसके बाद ये सवाल उठने लगा है कि समय रहते भारत सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर इससे निपटने के लिए रोडमैप तैयार क्यों नहीं किया. जिसकी तैयारी अब की जा रही है.
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