Coronavirus Pandemic: पश्चिमी बेंगलुरू में स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस की क्वारंटाइन टीम को रविवार रात को करीब 200 लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. दरअसल यह टीम उन 58 लोगों को लेने के लिए पहुंची थीं जिनके बारे में माना जा रहा है कि ये कोरोना वायरस से संक्रमित तीन मरीजों के संपर्क में आए हैं लेकिन लोगों की नाराजगी और विरोध के चलते उन्हें 33 लोगों को छोड़कर ही वापस लौटना पड़ा. पश्चिम बेंगलुरू के पडारायणपुरा इलाके के एक वार्ड को पिछले सप्ताह सील कर दिया गया था, जिसके तीन लोग मार्च में दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इन तीनों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था.
जैसे ही स्वास्थ्यकर्मियों की क्वारंटाइन टीम शाम करीब 7 बजे क्षेऋ में पहुंची, गुस्साए स्थानीय लोगों ने सील की गई जगह को चिह्नित करने के लिए बैरिकेड्स के रूप में खड़ी की गई टिन की चादर को हटाना शुरू कर दिया. मोबाइल फोन पर शूट किए गए वीडियो में स्थानीय लोगों को स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के लिए लगाए गए टेंट को नुकसान पहुंचाते हुए भी देखा जा सकता है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बी.रमेश ने कहा, "किसी भी स्वास्थ्यकर्मी पर हमला नहीं किया गया. केवल संपत्ति को कुछ नुकसान हुआ है. स्थानीय लोग ऑन द स्पॉट टेस्ट की मांग कर रहे थे, हम इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे." हालात को काबू में लाने के लिए संबंधित अधिकारियों को कुछ घंटे लगे.गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में जुटे वॉरियर्स को कुछ लोगों के हमले का शिकार होना पड़ा है. पिछले सप्ताह पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाने का ऐलान किया था. देश में अब तक कोरोना वायरस के 16 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं और 500 से अधिक लोगों को इस वायरस के कारण जान गंवानी पड़ी है.
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