राहुल गांधी बोले- पीएम मोदी ने जिसे कांग्रेस का 'ग्रैंड स्टुपिड थॉट' कहा था, उसी को लागू करने जा रहे

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी के स्लैब से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान को लेकर उन पर तंज कसा है.

राहुल गांधी बोले- पीएम मोदी ने जिसे कांग्रेस का 'ग्रैंड स्टुपिड थॉट' कहा था, उसी को लागू करने जा रहे

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो.

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के स्लैब से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान को लेकर बृहस्पतिवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि उनकी पार्टी ने ‘गब्बर सिंह टैक्स' पर प्रधानमंत्री को गहरी नींद से जगा दिया है, लेकिन वह अब भी हल्की झपकी ले रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के जिस विचार को ‘ग्रैंड स्टुपिड थॉट' (बेहद बकवास विचार) कहा था, अब उसी को लागू करना चाहते हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आखिरकार कांग्रेस पार्टी ने नरेंद्र मोदी जी को गब्बर सिंह टैक्स पर गहरी नींद से जगा दिया. हालांकि वह झपकी ले रहे हैं, अब वह कांग्रेस के उस विचार को लागू कराना चाहते हैं जिसे उन्होंने ‘ग्रैंड स्टुपिड थॉट' कहा था.'' उन्होंने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी जी, देर आए दुरुस्त आए.''दरअसल, प्रधानमंत्री ने मंगलवार को संकेत दिया था कि आने वाले समय में 99 फीसदी वस्तुएं जीएसटी 18 फीसदी स्लैब में आ सकती हैं. मोदी ने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार 99 फीसदी वस्तुओं को 18 फीसदी के स्लैब में लाने पर काम कर रही है.

जानिए जीएसटी पर पीएम मोदी की घोषणा
प्रधानमंत्री ने ज्यादातर सामान पर जीएसटी घटाकर 18 फीसदी से नीचे रखने की घोषणा की है. इस घोषणा से छोटे कारोबारियों में एक नई उम्मीद पैदा हुई है. हालांकि विपक्ष इस राजनीति पर सवाल उठा रहा है.छोटी कारें, एसी, डिजीकैम, डिश वॉशर- ये सब सस्ते हो सकते हैं. प्रधानमंत्री का ऐलान है कि 99 फीसदी सामान पर जीएसटी 18 प्रतिशत या इससे भी कम हो जाएगा. शनिवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसे हरी झंडी दिखाई जा सकती है. छोटे कारोबारी इस फ़ैसले का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि इससे उत्पादन और बिक्री बढ़ने की उम्मीद है.  

फिलहाल जीएसटी की सबसे ऊंची 28 फीसदी दर पर सिर्फ 35 आइटम हैं. जो बचे रह जाएंगे, वे कम उपयोगिता के या विलासिता के सामान भर होंगे. मसलन, आलीशान गाड़ियां, शराब, निजी विमान, सिगरेट, पान-मसाला
और तंबाकू उत्पाद जैसे सामान.तर्क यह है कि सरकारी कमाई में भले ही फौरी गिरावट हो, लेकिन बाद में फायदा मिलेगा क्योंकि उपभोग बढ़ेगा

एनडीटीवी से बातचीत में नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया. राजीव कुमार ने कहा, "फिलहाल 97% सामान 18% या उसके नीचे के टैक्स स्लैब में आते हैं. हम प्रधानमंत्री के ऐलान का स्वागत करते हैं. कुछ और चीजों पर टैक्स कम करना चाहिए. 18% से ऊपर वही वस्तुएं हों जिन्हें नॉन-मेरिट गुड्स कहते हैं. शराब, सिगरेट, बड़ी या आयात की गई महंगी गाड़ियां आदि ही 28% के टैक्स स्लैब में हों. भारत में एक टैक्स स्लैब नहीं हो सकता है क्योंकि लोगों की इनकम में भारत में काफी विभिन्नताएं हैं." (इनपुट-भाषा)

वीडियो- PM पर राहुल गांधी के बयान से बवाल

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