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This Article is From Nov 23, 2020

यूपी: फिर से खुले यूनिवर्सिटी-कॉलेज लेकिन कोरोना के खौफ के कारण उपस्थिति रही कम

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में इतिहास (हिस्‍ट्री ) की क्‍लास में इतने कम छात्र कभी नहीं आते. स्‍टूडेंट की कम संख्‍या का कारण कोरोना का खौफ है और यूनिविसर्सिटी में सोशल डिस्‍टेंसिंग के लिए जारी की गई गाइडलाइंस भी.

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यूपी: फिर से खुले यूनिवर्सिटी-कॉलेज लेकिन कोरोना के खौफ के कारण उपस्थिति रही कम
यूपी में कॉलेज और यूनिवर्सिटी सोमवार से फिर से खुल गए (प्रतीकात्‍मक फोटो)

Corona Pandemic: यूपी की यूनिवर्सिटी और कॉलेज करीब आठ माह बंद करने के बाद आज खुले तो लेकिन बढ़ते कोरोना के खौफ की वजह से स्‍टूडेंट्स की हाजिरी करीब 50 फीसदी की रही. हालांकि लंबे अरसे से क्‍लास से दूर रहे स्‍टूडेंट पुराने माहौल में लौटकर खुश नजर आए. गोरखपुर के सेंट जोसेफ कैथेड्रल में आठ माह बाद फिर क्‍लास शुरू हुई हैं. इतने समय से घर में लगभग कैद रहे बच्‍चों को फिर क्‍लास का माहौल मिला है फिर टीचर से आमना-सामना हुआ, पढ़ने का मौका मिला. दुनिया चाहे जितनी ही तकनीकी रूप से सक्षम हो जाए, ऑनलाइन पढ़ाई में चाहे जितनी भी तकनीक आ जाए लेकन क्‍लास में बैठकर पढ़ने का अहसास बिल्‍कुल अलग होता है, जिसे छात्रों ने फिर महसूस किया.

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एक छात्र ने कहा, 'काफी ज्‍यादा सोशल डिस्‍टेंसिंग होती है 'लेकिन ऑनलाइन की तुलना में ऑफलाइन बढि़या है, कम से कम बच्‍चे अच्‍छे से एक-दूसरे से और टीचर के साथ 'इंटरेक्‍ट' तो कर पा रहे हैं. यह काफी अच्‍छा है. एक छात्रा सोमैया ने कहा, 'सेनिटाइजेशन बगैरह हो रही है. यहां पर हम म्‍युचुअल डिस्‍टेंसिंग बना रहे हैं, अच्‍छा लग रहा है, काफी समय के बाद कॉलेज खुला है. सारी स्‍टडी फेस टू फेस हो रही है तो अच्‍छा लग रहा है.' एक अन्‍य छात्रा ने कहा कि यहां पर जब हम लोग प्रवेश करते हैं तो सभी अच्‍छे से सेनिटाइज करते हैं. इसके बाद हम लोगों का टेंपरेचर चेक किया जाता है.

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गोरखपुर यूनिवर्सिटी में इतिहास (हिस्‍ट्री ) की क्‍लास में इतने कम छात्र कभी नहीं आते. स्‍टूडेंट की कम संख्‍या का कारण कोरोना का खौफ है और यूनिविसर्सिटी में सोशल डिस्‍टेंसिंग के लिए जारी की गई गाइडलाइंस भी. इस बारे में प्रोफेसर मुकुल दत्‍त शरण त्रिपाठी (हेड हिस्‍ट्री डिपार्टमेंट) कहते हैं, प्रतिदिन कमरे को सेनिटाइज करना है. स्‍टूडेंट्स को मास्‍क पहनकर आना है और छात्रों को तीन फीट की दूरी पर रखा जाएगा.  अगर लड़कों की संख्‍या ज्‍यादा होगी जो उन्‍हें सेक्‍शन में विभाजित किया जाएगा.

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मेरठ के इस्‍माइल गर्ल्‍स पीजी कॉलेज में पढ़ाई तो शुरू हुई लेकिन हाजिरी बहुत कम रही. ज्‍यादातर क्‍लास खाली नजर आई. कुछ क्‍लासेस में तो गिने-चुने छात्र नजर आए. हालांकि कॉलेज में कोरोना के लिए सारी ऐहतियात की जा रही है लेकिन दिल्‍ली से करीब होने की वजह से मेरठ में कोरोना का खौफ काफी ज्‍यादा है. प्रिसिंपल नीलिमा गुप्‍ता बताती हैं-शासन के आदेश के हिसाब से हमने क्‍लासें खोल दी है लेकिन शायद जो न्‍यूज बच्‍चे लगातार टीवी परदेख रहे हैं, न्‍यूजपेपर में पढ़ रहे हैं कि कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, इससे उन छात्रों के मन में कहीं न कहीं भय है, जैसे पूरी तरह से बच्‍चे आते थे, उस तरह से नहीं आ रहे हैं.

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