राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के स्वच्छ पर्यावरण और पारिस्थितिकी को संरक्षित करने की आवश्यकता पर सोमवार को जोर दिया. मुर्मू ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने का भी आह्वान किया.
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस द्वीप की पारिस्थितिकी और पर्यावरण को संरक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है. हमें प्रगति करते हुए विकासात्मक कार्यों और पर्यावरण के संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखना होगा.''
राष्ट्रपति ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बेहतर संपर्क सुविधा के कारण 2014 से 2022 तक पर्यटकों के आगमन में वृद्धि को भी रेखांकित किया.
उन्होंने कहा, ‘‘इससे न केवल राजस्व जुटाने में मदद मिली, बल्कि इस द्वीप में रोजगार भी पैदा हुआ. यह देश के 200-समुद्री मील विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) का 30 प्रतिशत हिस्सा है और यह कहने की जरूरत नहीं है कि समुद्री अर्थव्यवस्था में यह स्थान राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.''
मुर्मू ने पर्यटन, मत्स्य पालन और कृषि संबंधी विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं और समुद्री उत्पादों के निर्यात से संबंधित अन्य पहल पर काम करने के लिए स्थानीय प्रशासन की सराहना की.
उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में त्रि-सेवा कमान के महत्व को भी रेखांकित किया. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘बंगाल की खाड़ी में इसकी भू-रणनीतिक उपस्थिति भारत को दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया तक करीबी पहुंच प्रदान करती है. यह स्थान भारत को इन स्थानों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.''
मुर्मू ने आदिवासी कल्याण के मुद्दों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) शुरू करने के लिए केंद्र की सराहना की. सरकार की इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं 21 फरवरी को पीवीटीजी के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं.'' इससे पहले, राष्ट्रपति मुर्मू ने सोमवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में ऐतिहासिक सेलुलर जेल का दौरा किया और वहां शहीद स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित की.
मुर्मू अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर सोमवार को यानी आज यहां पहुंचीं. राष्ट्रपति ने वीर सावरकर को उस कोठरी में जाकर श्रद्धांजलि दी जहां उन्हें कैद रखा गया था.
इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति का पोर्ट ब्लेयर पहुंचने पर उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) डी के जोशी ने स्वागत किया.
राष्ट्रपति बनने के बाद यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की उनकी पहली यात्रा है. राष्ट्रपति मुर्मू 20 फरवरी को इंदिरा पॉइंट (भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु) और कैंपबेल खाड़ी का दौरा करेंगी.
वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप का भी दौरा करेंगी और ‘लाइट एंड साउंड शो' (रोशनी एवं ध्वनि प्रदर्शनी) देखेंगी. नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप को पहले रॉस द्वीप के नाम से जाना जाता था.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम लिमिटेड (एएनआईआईडीसीओ) की प्रबंध निदेशक नंदिनी पालीवाल उन्हें राष्ट्रीय स्मारक के प्रस्तावित विकास के बारे में जानकारी देंगी.
राष्ट्रपति 21 फरवरी को राज निवास, पोर्ट ब्लेयर में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगी.
उसी दिन, वह हैवलॉक द्वीप के नाम से मशहूर स्वराज द्वीप के राधानगर समुद्र तट पर सैनिकों का परिचालन प्रदर्शन को देखेंगी. अधिकारियों ने बताया कि वह 23 फरवरी को पोर्ट ब्लेयर से रवाना होंगी.
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