
- एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर उठ रहे सवालों पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने राज्यसभा में जवाब दिया.
- उन्होंने कहा कि पहली बार ब्लैक बॉक्स को भारत में डिकोड किया जा रहा है. AAIB निष्पक्ष जांच कर रहा है.
- मंत्री ने कहा कि हादसे में पायलट की भूमिका को लेकर मीडिया में उठाए जा रहे सवाल बेबुनियाद हैं.
अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान हादसे की जांच को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने राज्य सभा में साफ किया कि हादसे की जांच पूरी तरह भारत में ही हो रही है. उन्होंने कहा कि पहले ब्लैक बॉक्स में छोटी-सी गड़बड़ी भी आती थी तो उसे डिकोड करने के लिए निर्माता के पास विदेश भेजा जाता था. पहली बार भारत ने तय किया कि ब्लैक बॉक्स को पूरी तरह भारत में ही डिकोड किया जाएगा.
मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने ब्लैक बॉक्स से पूरे डेटा को डिकोड करने में कामयाबी हासिल की है, जो पहले बाहर से देखने पर लग रहा था कि खराब हो चुका है. ये जांच इंटरनेशनल प्रोटोकॉल के मुताबिक निष्पक्ष तरीके से चल रही है. उन्होंने ये भी कहा कि विमान हादसे में पायलट की भूमिका को लेकर भारतीय और विदेशी मीडिया में उठाए जा रहे सवाल बेबुनियाद हैं.
राज्य सभा में सत्ताधारी और विपक्षी सांसदों की तरफ से हवाई यात्रा की सुरक्षा से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए राममोहन नायडू ने कहा कि जांच प्रक्रिया तीन स्तरों पर चलती है. क्या हुआ, कैसे हुआ और क्यों हुआ? AIIB की प्राथमिक रिपोर्ट ने बताया गया है कि क्या हुआ. प्राइमरी रिपोर्ट इस मसले पर है कि क्या हुआ था. ये (हादसा) क्यों हुआ था, इसकी वजह समझने के लिए और साफ़ जवाब जानने के लिए हमें अंतिम रिपोर्ट देखनी होगी. AIIB पारदर्शी ढंग से और पूरी निष्पक्षता से यह काम कर रहा है. भारतीय और पश्चिमी मीडिया अपनी कहानी गढ़ रहे हैं. हम सच के साथ खड़े रहना चाहते हैं.
राज्य सभा में चर्चा के दौरान हवाई यात्रा की सुरक्षा और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (DGCA) के कामकाज पर सवाल उठे. चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद अशोक चव्हाण ने DGCA में 50 फीसदी वैकेंसी का सवाल भी उठाया. बाद में चव्हाण ने एनडीटीवी से कहा कि DGCA में इस वक्त 50 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं. यह वैकेंसी जल्द से जल्द भरी जानी चाहिए क्योंकि देश में हवाई यात्रियों की संख्या प्रतिदिन 5 लाख तक पहुंच गई है.
नागरिक उड्डयन मंत्री ने इस सवाल पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि DGCA में अधिकतर नए पद पिछले दो साल में ही क्रिएट किए गए हैं. उन्होंने आश्वासन दिया था कि इनमें से 90 फीसदी तक खाली पड़े पद जल्दी भरे जाएंगे.
देश में सिविल एविएशन नेटवर्क का तेज़ी से विस्तार हो रहा है. हर रोज़ भारत से देश-विदेश के लिए करीब 3500 विमान उड़ान भरते हैं और पांच लाख से अधिक लोग हवाई यात्रा करते हैं. ऐसे में देश में सिविल एविएशन नेटवर्क को 100% सुरक्षित बनाने के लिए ज़रूरी है कि DGCA में खाली पड़े पद जल्दी भरे जाएं.
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