उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर गोकशी मामले में गिरफ्तार किए गए सर्फुद्दीन सहित चार लोगों को यूपी पुलिस ने अब 17 दिन बाद निर्दोष बताया है. सर्फुद्दीन को यूपी पुलिस ने 3 दिसंबर की रात हिरासत में ले लिया था, इसके बाद उसे पांच दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया. जब सर्फुद्दीन को गिरफ्तार किया गया तो उसने खुद को 'निर्दोष' बताया था. लेकिन पुलिस ने उसकी एक बात भी नहीं मानी और उसे गिरफ्तार कर लिया.
उस वक्त सर्फुद्दीन ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'हम गोकशी में शामिल नहीं थे. मैं फरीदाबाद के बड़कल में रहता हूं. हम यहां मरकज में आए थे. वहां खिदमत कर रहे थे. मेरे पास निर्दोष होने के पूरे सबूत हैं. इस्पेक्टर साहब ने कहा था कि आपके खिलाफ एफआईआर है और आ जाओ. तो हम वहां चले गए. इससे पहले हमारे खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है.'
This is Sarfuddin who was arrested by UP police on 5 th December for Slaughtering cow ,He pleaded to media that he is innocent ,But after 17 days UP police says there is no evidence against Sarfuddin and 3 others
— Saurabh shukla (@Saurabh_Ndtv) December 19, 2018
Date Super:-5/12/18 @ndtv @ndtvindia pic.twitter.com/RrpAD8incp
बता दें, पुलिस ने पहले जिन चार लोगों सर्फुद्दीन, नन्हे, साजिद और आसिफ को गिरफ्तार किया था, अब 17 दिन बाद पुलिस उन्हें निर्दोष बता रही है. इतना ही नहीं, अब पुलिस इनकी रिहाई के लिए कोर्ट भी जाएगी. पुलिस के मुताबिक मंगलवार को जो तीन लोग नदीम, रईस और काला गिरफ़्तार किए गए हैं, वो असली गुनहगार हैं. हालांकि हिंसा मामले में मुख्य आरोपी योगेश राज ने गोकशी की जो FIR दर्ज कराई थी, उनमें इन तीनों का नाम नहीं है.
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लेकिन इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या और हिंसा फैलाने के मुख्य आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ़्त से बाहर हैं. पुलिस ने इस मामले में एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि ये आरोपी पहले गायों को मारते थे और उसके बाद उसका मांस आपस में बांट लेते थे. इन सब के बीच पुलिस ने इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या मामले में भी दो लोगों को गिरफ़्तार किया है.. लेकिन दो हफ़्ते बीत जाने के बाद भी मुख्य आरोपी और बजरंग दल के नेता योगेश राज और शिखर अग्रवाल को पुलिस पकड़ नहीं पाई है. हांलाकि, ये दोनों ही आरोपी सोशल मीडिया और टीवी चैनल पर दिखाई दे रहे हैं.
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बुलंदशहर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि नदीम, रईस और काला नामक तीन लोगों को गोहत्या के मामले में गिरफ्तार किए गये हैं. उनके पास से एक गाड़ी और लाइसेंसी हथियार भी बरामद किया गया है. उन्होंने कहा कि शुरुआती शिकायत में तीनों के नाम नहीं थे, जिनमें सात आरोपियों के नाम थे. मगर जांच के दौरान इन तीनों के नाम सामने आए. चौधरी ने कहा कि 'पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और इन तीन लोगों के नाम गोहत्या में उनकी वास्तविक भूमिका के रूप में सामने आई है. आगे की जांच चल रही है.'
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वहीं, बुलंदशहर में गोकशी के मुद्दे पर भड़की हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के घरवालों का आरोप है कि इस घटना के सबूत मिटाए जा रहे हैं...NDTV से खास बातचीत में सुबोध कुमार की पत्नी और बेटे ने कहा कि क़ातिल खुलेआम घूम रहा है क्योंकि उसे राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है.
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