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कर्नाटक में टीपू सुल्तान पर टकराव, जयंती समारोह का बहिष्कार करेगी बीजेपी

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टीपू सुल्तान की तस्वीर
बेंगलुरू: कर्नाटक की काग्रेंस सरकार नें टीपू सुल्तान के जन्मदिन को राज्य उत्सव के तौर पर मनाने का फैसला किया है। हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)  इसका विरोध कर रहे हैं। बीजेपी की नजर में टीपू सुल्तान धर्म परिवर्तन करवाने वाला शख्स था, तो आरएसएस टीपू को अत्याचारी मानती है।

टीपू सुल्तान को बताया 'कट्टरपंथी' और 'कन्नड़ विरोधी'
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'हमारी ओर से पूरी तरह से बहिष्कार किया जाएगा, हमारी पार्टी की ओर से किसी भी स्तर का प्रतिनिधि आधिकारिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगा।' उन्होंने टीपू सुल्तान को 'कट्टरपंथी' और 'कन्नड़ विरोधी' करार देते हुए कहा, 'हमारे 44 विधायक हैं और यह प्रथा है कि जब भी ऐसे किसी कार्यक्रम का आयोजन होता है, स्थानीय विधायक उसकी अध्यक्षता करता है। हमने अपने विधायकों को निर्देश दिया है कि वे इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नहीं करें, उन्हें मंच पर नहीं जाना है।'

जोशी ने उत्तर कर्नाटक में हुबली में संवाददाताओं से कहा, 'बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाते मैं यह निर्देश हमारे सभी जनप्रतिनिधियों को मीडिया के जरिये दे रहा हूं। हम यह निर्देश अपने जिलाध्यक्षों और आंचलिक पदाधिकारियों के जरिये भी भेजेंगे।' कई संगठनों और व्यक्तियों ने 10 नवंबर को 'टीपू सुल्तान जयंती' के तौर पर मनाने के राज्य सरकार के निर्णय का विरोध किया है। इसके साथ ही कुछ ने पहली बार आयोजित होने वाले ऐसे सरकारी कार्यक्रम को बाधित करने की भी धमकी दी है।

अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हुए थे टीपू सुल्तान
टीपू तत्कालीन मैसूर साम्राज्य के शासक थे जिसे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का कट्टर दुश्मन माना जाता था। वह मई 1799 में अपना श्रीरंगपटनम किला अंग्रेजी फौज से बचाते हुए मारे गए थे।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अपनी सरकार के 'टीपू जयंती' मनाने के फैसले का एक बार फिर बचाव करते हुए कहा कि आरएसएस और 'अन्य साम्प्रदायिक ताकतें' इसका विरोध कर रही हैं। उन्होंने कहा, 'टीपू एक देशभक्त थे, उन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी, एक तरह से स्वतंत्रता संघर्ष मैसूर की तीन लड़ाइयों से शुरू हुआ, उन्होंने लड़ाई में अपनी जान गंवा दी।' उन्होंने कहा, 'आरएसएस बिना वजह उन्हें बदनाम कर रही है, हम यह जयंती मनाएंगे।' हाल में उडुपी में पेजावर मठ के विष्वेश तीर्थ स्वामी ने टीपू की जयंती मनाने के सरकार के निर्णय का विरोध किया था और उन्हें एक 'विवादास्पद व्यक्ति' करार दिया था। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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