भारत ने पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी की इस टिप्पणी को 'हकीकत से कोसों दूर' बताया है कि उनकी पार्टी समूचे कश्मीर को इससे वापस लेगी। भारत ने यह भी कहा है कि देश की अखंडता और एकता 'मोलभाव करने लायक नहीं' है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया, 'हम आगे देखने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं और आगे की चीजों को लेकर उत्सुक होने का मतलब यह नहीं है कि हमारी सीमाएं बदल जाएंगी। हमनें यह बहुत स्पष्ट कर दिया है कि जहां तक हमारी बात है, भारत की अखंडता और एकता मोलभाव करने योग्य नहीं है।' उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी हकीकत से कोसों दूर है जो हमें पिछली सदी में वापस ले जाएगी।
वहीं भाजपा ने बिलावल भुट्टो के इस बयान को 'बचकाना और अपरिपक्व' बताया है। कश्मीर को भारत का अभिन्न बताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पाकिस्तान के नेताओं द्वारा ऐसे भड़काउ बयान देना उनकी आदत बन गई है, लेकिन भारत के सुरक्षा बल पूर्व की तरह अपनी भूमि की रक्षा करने और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।
इसके अलावा कांग्रेस ने भी बिलावल के इस टिप्पणी की भर्त्सना की है। कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा, 'वह युवा हैं, उनकी 70 पुस्तें कश्मीर पर कब्जा करने का सपना देखती रही हैं। उन्हें अभी 70 पीढ़ियों तक और इंतजार करना होगा। उन्हें भारत की क्षमता का अंदाजा नहीं।'
पंजाब के मुल्तान क्षेत्र में कल पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की अगली पीढ़ी के नेता बिलावल ने कहा था कि उनकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी समूचे कश्मीर को भारत से वापस ले लेगी।
उन्होंने कहा, 'मैं कश्मीर को वापस लूंगा, समूचे को, और मैं एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ूंगा क्योंकि अन्य प्रांतों की तरह यह पाकिस्तान का है।' बिलावल ने जब यह टिप्पणी की तब पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और राजा परवेज अशरफ उनके अगल बगल में थे।
बिलावल ने 2018 में होने वाला आमचुनाव लड़ने की घोषणा की है। वह धर्मनिरपेक्ष पीपीपी का नेतृत्व करेंगे जो आधिकारिक रूप से भारत के साथ अच्छे संबंध चाहती है।
बिलावल की दिवंगत मां बेनजीर भुट्टो दो बार प्रधानमंत्री चुनी गई थीं। बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं।
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