बिहार : विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा बने BJP के नेता विपक्ष, सम्राट चौधरी को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी

विधान परिषद में सम्राट चौधरी विपक्ष के नेता होंगे. ये घोषणा बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने पटना में की.

बिहार : विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा बने BJP के नेता विपक्ष, सम्राट चौधरी को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी

विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा बने BJP के नेता विपक्ष

पटना :

बिहार में बीते कुछ दिनों में कई बड़े सियासी उलटफेर देखने को मिले हैं. जदयू ने भाजपा से नाता तोड़ कर राजद से हाथ मिला लिया. इस बीच, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सत्तारूढ़ महागठबंधन द्वारा उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर नाराजगी जताने के बाद बुधवार को सदन में इस्तीफा देने की घोषणा की. वहीं, विजय कुमार सिन्हा को भाजपा ने विपक्ष के नेता के रूप में मनोनीत किया है. साथ ही विधान परिषद में सम्राट चौधरी विपक्ष के नेता होंगे. ये घोषणा बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने पटना में की.

महागठबंधन सरकार के शक्ति परीक्षण के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के शुरू होते ही विजय कुमार  सिन्हा ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब देने के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. इससे पहले, उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के बजाय सदन की आगे की कार्रवाई वरिष्ठ सदस्य नरेंद्र नारायण यादव द्वारा संचालित किए जाने की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘बहुमत का सम्मान करते हुए मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं.''

हजारी के बजाय नरेंद्र नारायण यादव द्वारा आगे की कार्रवाई संचालित किए जाने की घोषणा का विरोध करते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपनी सीट से उठकर कहा, ‘‘यह नियमों के खिलाफ है. अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष कार्यवाही का संचालन करते हैं.''

इस बीच, हंगामे के बीच वह जल्दबाजी में सदन से बाहर निकले और भगवा अंगोछा पहने भाजपा के विधायक भी ‘भारत माता की जय' और ‘जय श्री राम' के नारे लगाते हुए उनके पीछे बाहर निकल आए.  इससे पहले, सिन्हा ने करीब 20 मिनट का भाषण दिया और दावा किया कि वह सरकार में अचानक बदलाव के बाद ‘‘स्वयं इस्तीफा देना चाहते थे'', लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनके खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, तो उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया. 

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उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देना मेरे लिए अनिवार्य हो गया था. प्रस्ताव पेश कर रहे कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया कि मैं अलोकतांत्रिक और तानाशाही रहा हूं. मैं यह स्वीकार नहीं कर सकता.'' सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं बहुमत का सम्मान करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देता हूं. '



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)