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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपनी असंवेदनशील टिप्पणी पर माफी मांगते हुए कहा है कि यह उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी गलती है।
पवार ने अपनी टिप्पणी में कहा था, ‘यदि बांध में पानी नहीं है, क्या हमें उसमें पेशाब करना चाहिए’? बाद में इस बयान पर तमाम आपत्तियां हुई जिसके बाद अजित पवार ने माफी मांगी।
अजित पवार ने कहा कि उनकी टिप्पणी सूखाग्रस्त इलाके के लोगों के लिए नहीं थी। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र के लोगों से इस बयान के लिए माफी मांगते हैं।
सोमवार को महाराष्ट्र की विधानसभा में भी उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने विवादित बयान पर माफी मांगी।
भयंकर सू़खे से जूझ रहे किसानों का मजाक उड़ाने वाली उनकी इस टिप्पणी को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया। राकांपा नेता पवार ने इससे पहले राज्य में बिजली की लोड शेडिंग पर शनिवार को मजाकिया अंदाज में कहा था, ‘मैंने पाया है कि रात को बिजली चले जाने की वजह से ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं। इसके बाद कोई काम नहीं रह जाता है।’
बाद में, केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पुणे जिले के इंदापुर तहसील में एक सुदूर गांव में शनिवार रात एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान दिए गए अपने बयान के लिए माफी मांग ली।
उनकी टिप्पणी पर जनसभा में मौजूद लोगों ने ठहाके लगाए थे। उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा, ‘इंदापुर गांव में एक सभा के दौरान मेरे द्वारा की गई मेरी टिप्पणियां सूखा प्रभावित लोगों पर केंद्रित नहीं थी। यदि मैंने राज्य के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो मैं माफी मांगता हूं।’
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