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क्या फ्लाइट के सीट 11A में है चमत्कार? दो विमान हादसों में एक सीट, जानिए कैसे बची दो जिंदगियां

भारतीय अधिकारी AI-171 विमान दुर्घटना की जांच कर रहे हैं; फ्लाइट AI-171 का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और उसमें मौजूद वॉयस और सिस्टम डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है.

क्या फ्लाइट के सीट 11A में है चमत्कार? दो विमान हादसों में एक सीट, जानिए कैसे बची दो जिंदगियां
नई दिल्ली:

12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट  मात्र 33 सेकंड बाद एक मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस भयावह हादसे में 241 लोग मारे गए. लेकिन इस तबाही के बीच एक चमत्कार हुआ 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश, जो सीट 11A पर बैठे थे, अकेले जीवित बचे. यह कहानी और भी हैरान करने वाली हो जाती है, क्योंकि 27 साल पहले 1998 में थाईलैंड में हुए एक विमान हादसे में भी सीट 11A पर बैठे रुआंगसाक लोयचुसाक जीवित बचे थे. यह संयोग विश्व भर में चर्चा का विषय बन गया है.

1998 में थाई एयरवेज की फ्लाइट TG261 सूरत थानी हवाई अड्डे पर उतरते समय दलदल में गिर गई थी, जिसमें 146 में से 101 लोगों की मौत हो गई थी. उस हादसे में 20 वर्षीय रुआंगसाक, जो अब थाईलैंड के मशहूर गायक और अभिनेता हैं, सीट 11A पर बैठे थे और चमत्कारिक रूप से बच गए. हादसे के बाद उन्हें उड़ान का गहरा डर सताता रहा, लेकिन उन्होंने इसे जीत लिया. अहमदाबाद हादसे की खबर सुनकर रुआंगसाक ने सोशल मीडिया पर अपनी कहानी साझा की और विश्वास के लिए संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा, “जब मुझे पता चला कि अहमदाबाद में बचे व्यक्ति भी सीट 11A पर थे, मेरे रोंगटे खड़े हो गए.”

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मुझे अपना समय याद आ गया: रुआंगसाक 

थाई गायक रुआंगसाक ने कहा कि जब मेरा विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, तो मैं भावनात्मक रूप से बहुत कमजोर हो गया था. उन्होंने कहा कि दूसरे देश में एक और व्यक्ति के बारे में जानना, जो उसी सीट पर एक अलग दुर्घटना में बच गया, उन यादों को एक ऐसे तरीके से वापस ले आया जिसे शायद ही कोई समझ पाए. अतीत में रुआंगसाक ने अपने अनुभव को जीवन बदलने वाला बताया था.

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रिश्तेदारों से मिलने आए थे विश्वास

विश्वास, ब्रिटिश-भारतीय मूल के हैं और लंदन में रहते हैं, अपने भाई अजय कुमार रमेश के साथ गुजरात में रिश्तेदारों से मिलने आए थे. अजय इस हादसे में मारे गए. विश्वास, जो सीट 11A पर इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठे थे, को गंभीर चोटें आईं, लेकिन वे जीवित निकल आए. अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि सीट 11A की स्थिति, जो बोइंग 787 में इमरजेंसी एग्जिट के पास थी, ने उनकी जान बचाने में मदद की.

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हादसे के कारणों की जांच शुरू हो गई है. प्रारंभिक रिपोर्ट्स में इंजन थ्रस्ट की कमी या पक्षी से टकराने की आशंका जताई गई है. फ्लाइट ने 1:39 बजे उड़ान भरी और 625 फीट की ऊंचाई पर मेडे कॉल जारी किया गया. विमान का ब्लैक बॉक्स खोजने की कोशिशें जारी हैं.

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इस हादसे ने भारत और विश्व भर में शोक की लहर दौड़ा दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “अकल्पनीय दुख” बताया, जबकि ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने भी संवेदना व्यक्त की. यह संयोग—सीट 11A—न केवल भाग्य की अनिश्चितता को दर्शाता है, बल्कि जीवन की नाजुकता को भी रेखांकित करता है. विश्वास और रुआंगसाक की कहानियां हमें याद दिलाती हैं कि सबसे अंधेरी परिस्थितियों में भी जीवन रास्ता खोज लेता है.

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