गुजरात चुनाव में कांग्रेस जीतेगी या फिर भाजपा फिर से सत्ता बरकरार रखने में कामयाब होगी, ये 18 दिसंबर को ही साफ होगा. मगर इस चुनाव में एक बात जो सबसे ज्यादा अचंभित करने वाली दिखी है वो राहुल गांधी का व्यक्तित्व. गुजरात चुनाव में ऐसी कई बातें हैं जो याद रखीं जाएंगी, मगर राहुल गांधी ने पहली बार अपनी जो छवि पेश की है, उससे हर कोई हैरान है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के समर्थक हों या फिर विरोधी, मगर इस चुनाव में जिस तरह से राहुल गांधी ने अपनी परिपक्व राजनीति का प्रदर्शन किया, उसे किसी तरह से आप नकार नहीं सकते. गुजरात चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान पीएम मोदी से भी ज्यादा लोगों को राहुल गांधी ने हैरान किया है. लोकसभा चुनाव और बाद के विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी के भीतर नेतृत्व क्षमता में कमी दिखती रही, मगर गुजरात में जिस तरह से उन्होंने पार्टी को संभाला और पीएम मोदी को कड़ी टक्कर दी, उससे तो ये साफ है कि राहुल गांधी अब राजनीति के माहिर खिलाड़ी हो गये हैं.
गुजरात विधानसभा चुनाव : दूसरे चरण में दागी उम्मीदवारों के मामले में कांग्रेस ने बीजेपी को भी पीछे छोड़ दिया
1. बयानों की मर्यादा पर राहुल गांधी की पकड़
पूरे गुजरात चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने जिस तरह से संयम का परिचय दिया है, वो काबिल-ए-तारीफ है. राहुल गांधी ने पूरे चुनाव अभियान के दौरान पीएम मोदी पर कभी व्यक्तिगत हमला नहीं बोला. मगर बीजेपी के लोग और खुद पीएम मोदी राहुल गांधी पर निशाना साधने से कभी गुरेज नहीं किया. इस चुनाव में बीजेपी ने राहुल गांधी के धर्म से लेकर मंदिर जाने तक पर प्रहार किया, मगर राहुल ने कभी मुद्दों के इतर व्यक्तिगत हमला नहीं किया. उधर, पीएम मोदी ने राहुल गांधी की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के समय भी हमला बोला और औरंगजेब राज की शुरुआत बताया था. मगर राहुल गांधी ने तब भी पीएम मोदी पर कोई जुबानी हमला नहीं बोला. इसके इतर, राहुल ने अपने कार्यकर्ताओं को साफ हिदायत दी थी कि कोई भी पीएम मोदी पर व्यक्तिगत तौर पर हमला नहीं बोलेगा.
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