प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
देश में इस साल 20 अगस्त तक 1,094 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है, जो पिछले साल के आंकड़े के करीब चार गुना है. साथ ही अब तक इस बीमारी के कुल 22,186 मामले सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े महाराष्ट्र में एच1एन1 संक्रमण से सबसे ज्यादा 437 लोग मारे गए हैं. गुजरात में 269, केरल में 73 और राजस्थान में 69 लोगों ने इस बीमारी के कारण दम तोड़ा है. आंकड़े के अनुसार भारत में 20 अगस्त तक बीमारी से कुल 1,094 मौतें हुई हैं और 22,186 मामले सामने आए हैं, जबकि 2016 में यह संख्या क्रमश: 265 और 1,786 थी. महाराष्ट्र में 20 अगस्त तक एच1एन1 संक्रमण के सबसे ज्यादा 4,245 मामले सामने आए थे.
यह भी पढ़ें: गुजरात में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 242 पहुंची, मुख्यमंत्री ने अस्पतालों का किया दौरा
गुजरात में 3,029, तमिलनाडु में 2,994 और कर्नाटक में 2,956 मामले देखे गए. दिल्ली में इस बीमारी के 1,719 मामले सामने आए हैं. यहां पांच लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है. आंकड़े के अनुसार केवल अगस्त महीने में 342 लोग मारे गए जबकि पिछले साल इसी अवधि में छह लोग मारे गए थे.
VIDEO : गुजरात में स्वाइन फ्लू का कहर
देश में 2009-10 में एच1एन1 इंफ्लूएंजा का सबसे बुरा प्रकोप आया था जब बीमारी से 2,700 से ज्यादा लोग मारे गए थे और करीब 50,000 अन्य प्रभावित हुए थे. स्वाइन फ्लू के नाम से जाना जाने वाला एच1एन1 इंफ्लूएंजा एक बेहद संक्रामक रोग है और एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैलता है. 2009 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित किया था.
यह भी पढ़ें: गुजरात में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 242 पहुंची, मुख्यमंत्री ने अस्पतालों का किया दौरा
गुजरात में 3,029, तमिलनाडु में 2,994 और कर्नाटक में 2,956 मामले देखे गए. दिल्ली में इस बीमारी के 1,719 मामले सामने आए हैं. यहां पांच लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है. आंकड़े के अनुसार केवल अगस्त महीने में 342 लोग मारे गए जबकि पिछले साल इसी अवधि में छह लोग मारे गए थे.
VIDEO : गुजरात में स्वाइन फ्लू का कहर
देश में 2009-10 में एच1एन1 इंफ्लूएंजा का सबसे बुरा प्रकोप आया था जब बीमारी से 2,700 से ज्यादा लोग मारे गए थे और करीब 50,000 अन्य प्रभावित हुए थे. स्वाइन फ्लू के नाम से जाना जाने वाला एच1एन1 इंफ्लूएंजा एक बेहद संक्रामक रोग है और एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैलता है. 2009 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित किया था.