मुक्तसर:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से बिगुल फूंक दिया है। केजरीवाल ने मुक्तसर में आयोजित माघी मेले में अपनी रैली के दौरान चमकदार पीले रंग की पगड़ी पहनी हुई थी। उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'आम आदमी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए मतदान का दिल्ली का रिकॉर्ड तोड़ दें।'
मुक्तसर के इस माघी मेले में आप की ओर से केजरीवाल और कांग्रेस की ओर से अमरिंदर सिंह ने अपनी-अपनी रैली को संबोधित किया। वहीं अकाली दल की ओर से मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी अपनी-अपनी रैलियों को संबोधित किया।
अपनी रैली में केजरीवाल ने कई वादे किए। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब में AAP की सरकार बनती है तो पठानकोट एयर बेस पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सुरक्षाबलों के घरवालों को एक-एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने रैली में गुरु गोविंद सिंह और सिख गौरव की भी बात की। गुरुवार सुबह से ही माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर #HopeofPunjabKejriwal टॉप ट्रेंड में था।
पिछले साल दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के बाद केजरीवाल ने अब घोषणा की है कि पंजाब उनका अगला पड़ाव होगा। बता दें कि पंजाब में सालों से कांग्रेस, अकाली दल व बीजेपी की सरकारें बारी-बारी से आती रही हैं। अब उन्होंने राज्य की राजनीति में एक नई हलचल पैदा करने की ठान ली है।
केजरीवाल ने अपनी रैली के लिए माघी मेले को चुना। दरअसल माघी मेला पंजाब में लगने वाला धार्मिक मेला है। अगले साल तयशुदा पंजाब चुनावों में अपने-अपने परचम फहराने की कोशिशों के तहत ये रैलियां हुईं। इस मेले में हजारों की संख्या में सिख श्रद्धालु जुटते हैं। ऐसे में यहां चुनावी प्रचार एक बड़ा मौका है अपनी-अपनी पार्टी के प्रचार के लिए बिगुल का।
आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनावों में राज्य की सभी 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से 4 पर पार्टी ने जीत दर्ज की थी। आमतौर पर यहां मुकाबला कांग्रेस और अकाली दल-बीजेपी के बीच होता है।
हाल ही में कांग्रेस ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पार्टी का मुखिया नियुक्त करते हुए एक प्रकार से राज्य में जीत सुनिश्चित करने की कोशिश की है। कांग्रेस पिछले 9 साल से सत्ता से बाहर रही है। जबकि, अकाली दल और बीजेपी का गठजोड़ 2012 में फिर से ऐतिहासिक जीत दर्ज करवा चुका है। पंजाब में आमतौर पर कोई भी पार्टी एक के बाद एक सत्ता में नहीं आती थी।
बता दें कि केजरीवाल ने 2014 के आम चुनावों में जो चार सीटें जीती थीं, वे सभी पंजाब से थीं। इसी के बाद राज्य में यह पार्टी अपनी संभावना देख रही है और दिल्ली की जीत के बात इस आशा को बल भी मिला है जब पार्टी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटें जीतीं।
माघी मेला रैली को फंड करने के लिए आप ने मंगलवार को बठिंडा में एक डिनर का आयोजन करवाया और यहां प्रति व्यक्ति 5 हजार रुपये लिए गए। केजरीवाल इस डिनर में नहीं पहुंचे, लेकिन इस डिनर में 100 लोग जुटे और आप के सांसद भगवंत मान के साथ खाना खाया। इस मौके पर पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी संजय सिंह भी शामिल थे।
मुक्तसर के इस माघी मेले में आप की ओर से केजरीवाल और कांग्रेस की ओर से अमरिंदर सिंह ने अपनी-अपनी रैली को संबोधित किया। वहीं अकाली दल की ओर से मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी अपनी-अपनी रैलियों को संबोधित किया।
अपनी रैली में केजरीवाल ने कई वादे किए। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब में AAP की सरकार बनती है तो पठानकोट एयर बेस पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सुरक्षाबलों के घरवालों को एक-एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने रैली में गुरु गोविंद सिंह और सिख गौरव की भी बात की। गुरुवार सुबह से ही माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर #HopeofPunjabKejriwal टॉप ट्रेंड में था।
पिछले साल दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के बाद केजरीवाल ने अब घोषणा की है कि पंजाब उनका अगला पड़ाव होगा। बता दें कि पंजाब में सालों से कांग्रेस, अकाली दल व बीजेपी की सरकारें बारी-बारी से आती रही हैं। अब उन्होंने राज्य की राजनीति में एक नई हलचल पैदा करने की ठान ली है।
केजरीवाल ने अपनी रैली के लिए माघी मेले को चुना। दरअसल माघी मेला पंजाब में लगने वाला धार्मिक मेला है। अगले साल तयशुदा पंजाब चुनावों में अपने-अपने परचम फहराने की कोशिशों के तहत ये रैलियां हुईं। इस मेले में हजारों की संख्या में सिख श्रद्धालु जुटते हैं। ऐसे में यहां चुनावी प्रचार एक बड़ा मौका है अपनी-अपनी पार्टी के प्रचार के लिए बिगुल का।
आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनावों में राज्य की सभी 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से 4 पर पार्टी ने जीत दर्ज की थी। आमतौर पर यहां मुकाबला कांग्रेस और अकाली दल-बीजेपी के बीच होता है।
हाल ही में कांग्रेस ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पार्टी का मुखिया नियुक्त करते हुए एक प्रकार से राज्य में जीत सुनिश्चित करने की कोशिश की है। कांग्रेस पिछले 9 साल से सत्ता से बाहर रही है। जबकि, अकाली दल और बीजेपी का गठजोड़ 2012 में फिर से ऐतिहासिक जीत दर्ज करवा चुका है। पंजाब में आमतौर पर कोई भी पार्टी एक के बाद एक सत्ता में नहीं आती थी।
बता दें कि केजरीवाल ने 2014 के आम चुनावों में जो चार सीटें जीती थीं, वे सभी पंजाब से थीं। इसी के बाद राज्य में यह पार्टी अपनी संभावना देख रही है और दिल्ली की जीत के बात इस आशा को बल भी मिला है जब पार्टी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटें जीतीं।
माघी मेला रैली को फंड करने के लिए आप ने मंगलवार को बठिंडा में एक डिनर का आयोजन करवाया और यहां प्रति व्यक्ति 5 हजार रुपये लिए गए। केजरीवाल इस डिनर में नहीं पहुंचे, लेकिन इस डिनर में 100 लोग जुटे और आप के सांसद भगवंत मान के साथ खाना खाया। इस मौके पर पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी संजय सिंह भी शामिल थे।
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