 
                                            - शीतल के खाते में होल्ड की राशि 999999999 लगाई गई थी
- शीतल के खाते में 600 रुपये बकाया थे
- कारखाने में काम करने वाली शीतल को मिलते हैं 5000 रुपये
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                                                                                मेरठ: 
                                        मेरठ की शीतल यादव के जनधन खाते में करीब 100 करोड़ जमा होने की बात को स्टेट बैंक इंडिया ने गलत बताया है. बैंक ने अपनी सफाई में कहा है कि शीतल यादव के अकाउंट में केवाईसी की औपचारिकताएं पूरी नहीं की थी इसलिए बैंक ने उसके अकाउंट में होल्ड लगाया था. केवाईसी यानी 'नो योअर कस्टमर' के तहत खाताधारक को अपनी पहचान से संबंधित जानकारियां देनी होती हैं और ऐसा न करने पर खाते पर पाबंदी लगाई जा सकती है. खाते में लेन-देन की इस पाबंदी को बैंक की भाषा में होल्ड (रोक) लगाया जाता है ताकि कोई लेन-देन न हो सके.
बैंक अधिकारियों ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि शीतल के खाते में होल्ड की राशि 999999999 लगाई गई थी और उसके खाते में करीब 600 रुपये ही बकाया था इसलिए एटीएम से चैक करने के कारण उसे बकाया निगेटिव में दिखा जिसे उसने अपने खाते में जमा राशि मान लिया और इसी से सारी गलतफहमी पैदा हुई.
गौरतलब है कि मेरठ में शारदा रोड स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में खाताधारक शीतल यादव ने शिकायत की थी कि उसके जन धन खाते में किसी ने 100 करोड़ जमा करवा दिए हैं. शीतल के पति ने इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा था.
शीतल के पति जिलेदार सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई अपनी शिकायत में कहा है कि उनका मेरठ में शारदा रोड स्थित एसबीआई की शाखा में जनधन खाता है. वह 18 दिसंबर को जब अपने घर के पास स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम बूथ पैसा निकालने गई, लेकिन यह देखकर चौंक गई कि उनके खाते में 99,99,99,394 रुपये हैं.
उन्हें इस पर विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने पास ही खड़े एक व्यक्ति से खाते में जमा धनराशि देखने का अनुरोध किया तो व्यक्ति ने भी यही धनराशि बताई. इसके बाद वह निकट स्थित यस बैंक के एटीएम गई और वहां भी वही राशि खाते में जमा बताई गई.
इसकी शिकायत लेकर वह लगातार दो दिन बैंक गई, लेकिन बैंक कर्मचारियों ने उनकी शिकायत ही नहीं सुनी और कहा कि वे किसी ऐसे दिन आएं जब शाखा प्रबंधक उनकी शिकायत सुन सकें. जब अगली बार वह बैंक गई तो उन्हें किसी और बहाने से वापस भेज दिया गया.
शीतल के पति जिलेदार सिंह एक निजी कारखाने में काम करते हैं. जिलेदार सिंह ने कहा कि उनकी पत्नी भी एक निजी कारखाने में काम करती है और 5,000 रुपये प्रति महीने की तनख्वाह मिलती है. उनकी खुद की तनख्वाह काफी कम है.
  
                                                                                
                                                                                
                                                                                                                        
                                                                                                                    
                                                                        
                                    
                                बैंक अधिकारियों ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि शीतल के खाते में होल्ड की राशि 999999999 लगाई गई थी और उसके खाते में करीब 600 रुपये ही बकाया था इसलिए एटीएम से चैक करने के कारण उसे बकाया निगेटिव में दिखा जिसे उसने अपने खाते में जमा राशि मान लिया और इसी से सारी गलतफहमी पैदा हुई.
गौरतलब है कि मेरठ में शारदा रोड स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में खाताधारक शीतल यादव ने शिकायत की थी कि उसके जन धन खाते में किसी ने 100 करोड़ जमा करवा दिए हैं. शीतल के पति ने इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा था.
शीतल के पति जिलेदार सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई अपनी शिकायत में कहा है कि उनका मेरठ में शारदा रोड स्थित एसबीआई की शाखा में जनधन खाता है. वह 18 दिसंबर को जब अपने घर के पास स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम बूथ पैसा निकालने गई, लेकिन यह देखकर चौंक गई कि उनके खाते में 99,99,99,394 रुपये हैं.
उन्हें इस पर विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने पास ही खड़े एक व्यक्ति से खाते में जमा धनराशि देखने का अनुरोध किया तो व्यक्ति ने भी यही धनराशि बताई. इसके बाद वह निकट स्थित यस बैंक के एटीएम गई और वहां भी वही राशि खाते में जमा बताई गई.
इसकी शिकायत लेकर वह लगातार दो दिन बैंक गई, लेकिन बैंक कर्मचारियों ने उनकी शिकायत ही नहीं सुनी और कहा कि वे किसी ऐसे दिन आएं जब शाखा प्रबंधक उनकी शिकायत सुन सकें. जब अगली बार वह बैंक गई तो उन्हें किसी और बहाने से वापस भेज दिया गया.
शीतल के पति जिलेदार सिंह एक निजी कारखाने में काम करते हैं. जिलेदार सिंह ने कहा कि उनकी पत्नी भी एक निजी कारखाने में काम करती है और 5,000 रुपये प्रति महीने की तनख्वाह मिलती है. उनकी खुद की तनख्वाह काफी कम है.

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