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This Article is From Jan 03, 2015

डीडीए फ्लैट्स देने वक्त से पहले पहुंच गए शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू

डीडीए फ्लैट्स देने वक्त से पहले पहुंच गए शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

डीडीए हाउसिंग स्कीम 2014 के 25 हज़ार फ्लैट्स विजेताओं के लिए शनिवार यानि तीन जनवरी का दिन खास था। इन लोगों को फ्लैट्स देने का सिलसिला इस दिन से शुरू हो गया।

तय कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू होना था, लेकिन जिन 500 लोगों को द्वारका के फ्लैट्स आवंटन की चिट्टी मिलनी थी, वे वक्त से पहले यानि 10 बजे से ही जुटना शुरू हो गए।

इस कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू, सांसद परवेश वर्मा, मीनाक्षी लेखी और हाल ही डीडीए के सदस्य बनाए गए ब्रिजेंद्र गुप्ता को पहुंचना था। लेकिन वैकय्या नायडू तय कार्यक्रम से करीब 50 मिनट पहले यानी 10 बजकर 10 मिनट पर ही वहां पहुंच गए। उस वक्त डीडीए के उपाध्यक्ष (वीसी) बलविंदर कुमार वहां मौजूद थे, शायद उन्हें फोन से जानकारी मिल गई थी।

मंत्री साहब के आते ही डीडीए के सारे अधिकारी हड़बड़ा से गए। आते ही पहले मंच पर गए फिर लोगों के बीच पहुंचे। मैंने उनसे कहा, सर 11 बजे का कार्यक्रम था, आप तो काफी पहले आ गए। इस पर वेंकैया नायडू हंसते हुए बोले, 'ये मोदी की सरकार है... तेज़ चलना पड़ता है..'।

कार्यक्रम शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद परवेश वर्मा और ब्रिजेंदर गुप्ता पहुंचे। इस दौरान नायडू साहब ने मंच से मीडिया के बारे में अपनी जुगलबंदी से लोगों को खूब हंसाया। लेकिन जाते-जाते वह दिल्ली को ग्लोबल सिटी बनाने से लेकर कई कायदे कानूनों को खत्म करने की बात कह गए।  

2017 में एक लाख फ्लैट्स का ड्रॉ

वेंकैया नायडू ने मंच से डीडीए के वीसी से कहा कि एक साल के भीतर एक लाख फ्लैट्स तैयार होना चाहिए। हालांकि वीसी ने बाद में वादा किया कि दो साल में एक लाख फ्लैट्स का ड्रॉ निकाला जाएगा। यानि जिनका इस साल ड्रॉ में नाम नहीं आया, उनके लिए 2017 एक नया मौका फ्लैट्स लेने का आ सकता है।

अब नहीं लगेंगे डीडीए के चक्कर

इस बार फ्लैट पाने वालों को सबसे बड़ी राहत ये होगी कि फ्लैट्स के भुगतान और दस्तावेज़ जमा कराने के लिए चालान कटवाने या दस्तावेज जमा करने के लिए बार-बार डीडीए के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

आईसीआईसीआई बैंक के फायनेंशियल ई-गवर्निंग यूनिट की मदद से डीडीए ने एक ऐसा लिंक बनाया है, जिसके जरिये फ्लैट्स पाने वाले आवंटियों को एक पासवर्ड दिया गया है और इसमें ऑनलाइन ही बैंकों का भुगतान, दस्तावेज़ जमा कराने की सहूलियत होगी। फ्लैट पाने वाले शरद कहते हैं कि इस कदम से पारदर्शिता आएगी और उनके जैसे कामकाजी लोगों का वक्त बचेगा।

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