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उत्तर प्रदेश को लेकर कई राजनीतिक विशेषज्ञों का आकलन यह है कि यूपी में हर वोट, मतदाता की जाति से निर्धारित होता है और हर जीत या हार, पार्टी और प्रत्याशी के जातिगत समीकरण का परिणाम होती है.कई बार व्यापक रूप से यह राय भी बना ली जाती है कि 90 प्रतिशत से अधिक यादव समाजवादी पार्टी, 90 प्रतिशत से अधिक ब्राह्मण बीजेपी और 90 प्रतिशत से अधिक दलित (जाटव) बीएसपी को वोट करते हैं. लगभग हर जनमत सर्वेक्षण बताता है कि जाति आधारित समर्थन की ऊपरी सीमा (upper limit) 60 प्रतिशत के करीब और किसी भी तरह 90 प्रतिशत के करीब नहीं है. कीमतें, बेरोजगारी, व्यवस्था के खिलाफ रुझान (Anti-incumbency) और कानून व्यवस्था, ऐसे अन्य मुद्दे हैं जो एक वोटर को जाति आधारित पार्टी से अलग किसी अन्य पार्टी को वोट देने के लिए प्रेरित करते हैं.
अंतिम चुनाव परिणाम में जातिगत आधार पर वोटिंग किस तरह प्रभाव डालती है? यूपी के पहले के चुनावों के परिणामों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जाति मायने रखती है लेकिन उतनी नहीं, जितना व्यापक स्तर पर सोचा जाता है. जाति और गढ़ वाली सीटों पर हर पार्टी के वोट का डेटा इस बात का संकेत देता है कि इस धारणा पर फिर से विचार की जरूरत है कि केवल जाति मायने रखती है.
उदाहरण के तौर पर, मुस्लिम मतदाताओं के उच्च प्रतिशत वाले क्षेत्रों में बीजेपी को आमतौर पर सबसे कमजोर आंका जाता है और सपा और बसपा के लिए लाभ माना जाता है लेकिन पिछले यूपी चुनावों के रिजल्ट बताते हैं कि इन मुस्लिम सीटों पर बीजेपी कुछ जगह अच्छा प्रदर्शन करती है और सपा, हर सीट पर अच्छा नहीं करती (देखें फिगर 1).राज्य में औसत वोट में व्यापक अंतर है.
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इसी तरह, एक व्यापक धारणा है कि पार्टियां कुछ विशेष सीटों पर जीत हासिल करती हैं (उदाहरण के तौर पर बीजेपी शहरी सीटों पर जीतती है). वास्तविकता यह है कि किसी भी श्रेणी (कैटेगरी) की सीटों में भी किसी भी पार्टी का अधिकतम वेरिएशन, उसके कुल औसत से केवल 4 से 5 प्रतिशत ऊपर या नीचे होता है (देखें Figure 2). अलग-अलग विशेषताओं वाली सीटों पर वोट एकतरफा नहीं जाते. अकसर विभिन्न श्रेणियों के वोटर, किसी एक पार्टी को मिलने वाले लाभ को कम कर देते हैं.
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ऊपर दिए गए यूपी चुनाव (2017) के वर्गीकरण के डेटा से पता चलता है कि भले ही पार्टियों को कुछ सीटों पर सीधा लाभ है लेकिन इस लाभ की भी अपनी सीमा है और इसे 90 प्रतिशत घटना (phenomenon.)के तौर पर नहीं देखा जा सकता.
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