केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली.
नई दिल्ली:
राज्यसभा में दो दिन से चला आ रहा गतिरोध अब सुलझ सकता है. मनमोहन सिंह पर प्रधानमंत्री के बयान को लेकर हुए हंगामे के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक की और कहा कि दोनों पक्ष इस बारे में अपनी सफ़ाई देंगे. मगर तनाव फिलहाल कायम है. मंगलवार को भी राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष का हंगामा दिखा. कांग्रेस ने मांग की कि पीएम सदन में आकर मनमोहन के खिलाफ आरोपों पर सफ़ाई दें या फिर माफी मांगें.
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गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि ये मामला देश के एक सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार से जुड़ा है और इस पर जब तक पीएम स्पष्टीकरण जारी नहीं करते कांग्रेस इस मसले को सदन में उठाती रहेगी. राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, "मनमोहन सिंह मंगलवार को मुझसे मिले और उन्होंने अपनी चिंताओं से अवगत कराया है. इस मामले में सत्ता पक्ष की भी चिंताएं हैं. ये एक गंभीर मामला है और इसपर आरोप प्रत्यारोप की जगह इसे सुलझाने की कोशिश करनी
चाहिए". लेकिन विपक्ष इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुआ.
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जब राज्यसभा में हंगामा बढ़ने लगा तब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के साथ बातचीत के ज़रिये विवाद सुलझाने की पेशकश की. जेटली ने आश्वासन दिया को वह इस विवाद पर अपने वरिष्ठ सहयोगियों और राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद से बात करेंगे. इस आश्वासन के कुछ ही देर बाद जेटली कांग्रेस के नेताओं से मिले और दोनों पक्षों की तरफ से बयान जारी करने पर बात हुई.
VIDEO : जेटली से मिले सभी दल के नेता, सुलझ सकता है गतिरोध
फिलहाल जेटली-आज़ाद मुलाकात के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध थमता दिख रहा है लेकिन दोनों पक्षों में तनाव अब भी बना हुआ है. हंगामा लोक सभा में भी हुआ. वहां भी कांग्रेसी सांसदों ने ये मसला उठाते हुए वॉकआउट किया. सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि हमें लोकसभा में बोलने का मौका नहीं दिया गया, इसलिए हमने वॉकआउट किया. साफ है, कांग्रेस सदन में सरकार को आसानी से सांस लेने नहीं देगी. अगर यह मुद्दा सुलझ भी गया तो उसने तरकश में और भी तीर संभाल रखे हैं.
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गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि ये मामला देश के एक सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार से जुड़ा है और इस पर जब तक पीएम स्पष्टीकरण जारी नहीं करते कांग्रेस इस मसले को सदन में उठाती रहेगी. राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, "मनमोहन सिंह मंगलवार को मुझसे मिले और उन्होंने अपनी चिंताओं से अवगत कराया है. इस मामले में सत्ता पक्ष की भी चिंताएं हैं. ये एक गंभीर मामला है और इसपर आरोप प्रत्यारोप की जगह इसे सुलझाने की कोशिश करनी
चाहिए". लेकिन विपक्ष इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुआ.
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जब राज्यसभा में हंगामा बढ़ने लगा तब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के साथ बातचीत के ज़रिये विवाद सुलझाने की पेशकश की. जेटली ने आश्वासन दिया को वह इस विवाद पर अपने वरिष्ठ सहयोगियों और राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद से बात करेंगे. इस आश्वासन के कुछ ही देर बाद जेटली कांग्रेस के नेताओं से मिले और दोनों पक्षों की तरफ से बयान जारी करने पर बात हुई.
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फिलहाल जेटली-आज़ाद मुलाकात के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध थमता दिख रहा है लेकिन दोनों पक्षों में तनाव अब भी बना हुआ है. हंगामा लोक सभा में भी हुआ. वहां भी कांग्रेसी सांसदों ने ये मसला उठाते हुए वॉकआउट किया. सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि हमें लोकसभा में बोलने का मौका नहीं दिया गया, इसलिए हमने वॉकआउट किया. साफ है, कांग्रेस सदन में सरकार को आसानी से सांस लेने नहीं देगी. अगर यह मुद्दा सुलझ भी गया तो उसने तरकश में और भी तीर संभाल रखे हैं.
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