नई दिल्ली: ख़ुफ़िया एजेंसियों के अनुसार जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में एक सुरक्षा दस्ते पर हमले के बाद बुधवार को गिरफ़्तार हुआ पाकिस्तानी आतंकी नावेद, सीमापार से भारत के ख़िलाफ़ किए जाने वाले संगठित आतंकी हमले से जुड़े कई अहम सुराग की जानकारी दे सकता है।
नावेद को 26/11 हमले के आरोपी पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब के बाद दूसरी बड़ी सफलता के रुप में देखा जा रहा है।
22 साल के नावेद को तब गिरफ़्तार किया गया जब तीन गांव वालों ने उसे काबू में कर उसकी बंदूक छीन ली थी। उसने जांचकर्ताओं को बताया कि उसका नाम नावेद है और वो पाकिस्तान से है।
सूत्रों के अनुसार नावेद ने बताया है कि वो पाकिस्तान के फ़ैसलाबाद इलाके के ग़ुलाम मुहम्मदाबाद का रहने वाला है और उसके दो भाई और एक बहन हैं। इनमें से एक लेक्चरर है और एक बिजनेसमैन है और वो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है।
दूसरा कसाब
नावेद के साथ आने वाला दूसरा आतंकी नोमान या नोमी था जो बहावलपुर का रहने वाला था और दोनों ने हाल में सीमा पार की थी। कई मीडिया संगठनों ने नावेद को कसाब-2 और दूसरा कसाब कहा है। ऐसा नावेद और कसाब का चेहरा मिलने के कारण कहा जा रहा है। कसाब की तरह नावेद को भी लश्कर ने ट्रेनिंग दी है।
कसाब साल 2008 में 26/11 के बाद ज़िंदा पकड़े जाने वाला एकमात्र आतंकवादी था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। उसने जांचकर्ताओं को बताया था कि वो पाकिस्तान के फरीदकोट का रहने वाला है।
कसाब के इक़बालिया जुर्म से 26/11 हमले की साज़िश का पता चला था जिसे 10 आतंकियों ने मिलकर अंजाम दिया था और वे लगातार पाकिस्तान में अपने आकाओं से संपर्क में थे।
नावेद की गिरफ़्तारी को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि एक दिन पहले ही एक पाकिस्तानी जांचकर्ता ने वहां के अख़बार डॉन में लिखे एक एडिटोरियल में कहा है कि 26/11 हमले की साज़िश पाकिस्तान से रची गई थी।
पाकिस्तान के प्रीमियर फेडरल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी एफआईए के प्रमुख के तौर पर नियुक्त किए गए तारीक़ खोसा ने अपने एडिटोरियल में लिखा है कि कसाब पाकिस्तान का नागरिक था और उसकी स्कूल की पढ़ाई भी यहीं हुई थी, जांचकर्ताओं को उसके घर का पता और उसके द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन से जुड़ने के बारे में पुख़्ता सबूत मिले थे।