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इस समिति की रिपोर्ट पर सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट इस अहम मुद्दे पर फैसला लेगा। फिलहाल मामला पांच हफ्तों के लिए टाल दिया गया है।
कहा जा रहा है कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सेतु समुद्रम को काटने के अलावा अन्य विकल्प व्यावहारिक नहीं हैं। समिति का यह भी कहना है कि राम सेतु काटने के अलावा और कोई विकल्प आर्थिक आधार पर भी सही नहीं है।
राम सेतु का मामला तब गर्माया था जब भारत के दक्षिणी छोर और श्रीलंका के बीच सेतुसमुद्रम परियोजना को बनाने की बात समाने आई थी। इस समुद्री मार्ग के बनने से पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक पहुचना आसान हो जाएगा।
हालांकि जहां सेतुसमुद्रम बनना है उस जगह को लेकर विवाद है। मान्यता है कि यह वही जगह है जहां से होते हुए भगवान राम वानर सेना के साथ लंका पहुंचे थे। इस जगह पर समुद्र की गहराई काफी कम है।
सेतु समुद्रम परियोजना का विरोध कर रहे लोगों की दलील है कि इस परियोजना से लोगों की आस्था से जुड़े इस जगह को नुकसान पहुंचेगा। मामले में विवाद को बढ़ता देख एक कमेटी का गठन किया गया था।
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