पटाखे बनाने में लीथियम, पारा, आर्सेनिक, एंटीमोनी, सीसा जैसी खतरनाक धातुओं का इस्तेमाल होता है
नई दिल्ली:
दीपावली के लिए तीन महीने से भी कम समय बचे होने के बीच, उच्चतम न्यायालय ने पटाखों में पारा और सीसा सहित पांच नुकसानदेह धातुओं के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी है.क्योंकि इनसे बहुत वायु प्रदूषण होता है.
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न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने पटाखों के निर्माण में प्रयुक्त लीथियम, पारा, आर्सेनिक, एंटीमोनी (अंजन), सीसा धातुओं के प्रयोग पर पाबंदी लगाई है. यह आदेश तब सुनाया गया जब केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव ने शीर्ष अदालत को बताया कि पटाखे चलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के मानक अब तक तय नहीं हुए हैं और यह काम 15 सितंबर तक पूरा होगा.
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पीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित करना पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सामग्री सुरक्षा संगठन की जिम्मेदारी है कि विशेषकर तमिलनाडु के शिवकाशी में आदेश का पालन हो. इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता भी शामिल थे.
VIDEO: चीन के बने पटाखों को रोकने की मुहिम बता दें कि देश के कुल पटाखा उत्पादन का आधे से अधिक हिस्सा अकेले तमिलनाडु के शिवकाशी में तैयार होता है. यहां का पटाखा कारोबार करीब 350 करोड़ रुपये सालाना का है. शिवकाशी को देश की पटाखा राजधानी भी कहा जाता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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