उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर विधानसभा सीट (Sultanpur Assembly Elections) का बेहद दिलचस्प इतिहास रहा है. सुल्तानपुर विधानसभा सीट को परिसीमन से पहले 'जयसिंहपुर' (Jaisinghpur) के नाम से जाना जाता था. लेकिन 2008 में जब परिसीमन हुआ तो इस सीट का नाम बदलकर सुल्तानपुर कर दिया गया. बता दें कि सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से ही एक सुल्तानपुर विधानसभा सीट है।
इस सीट के बारे में कहा जाता है कि जिस पार्टी का उम्मीदवार इस सीट से जीत दर्ज करता है, उसी की पार्टी राज्य में सरकार बनाती है. 1977 से लेकर 1993 तक इस सीट पर जिस पार्टी ने जीत का स्वाद चखा, उसी पार्टी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई.
इस सीट पर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सूर्यभान सिंह (Surya Bhan Singh) ने भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. भाजपा की लहर में उन्होंने 86 हजार 786 वोटों के साथ जीत का परचम लहराया था. वहीं, बहुजन समाज पार्टी के मुजीब अहमद 54 हजार 393 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे.
बात करें साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव की, तो उस समय यह सीट समाजवादी पार्टी के अनूप सांडा (Anoop Sanda) के नाम रही थी. अनूप सांडा ने 57 हजार 811 वोट पाकर बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद ताहिर खान को मात दी थी.
2007 में भी इस सीट पर अपना दमखम दिखाते हुए समाजवादी पार्टी के अनूप सांडा ने जीत दर्ज की. उन्होंने बीजेपी के ओम प्रकाश पांडे को हराया था. वहीं 23 हजार 892 वोट पाकर कांग्रेस के मुईद अहमदी तीसरे स्थान पर रहे थे.
ऐसे में 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत के लिए एक बार फिर बीजेपी अपना पूरा जोर लगा रही है. जहां पिछली बार पीएम मोदी की सुनामी में उत्तर प्रदेश में किसी पार्टी का जोर नहीं चल पाया था. ऐसे में इस बार के चुनाव में कौन-सी पार्टी इस सीट पर जीत दर्ज कर पाएगी ये देखना दिलचस्प होने वाला है.
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