नई दिल्ली:
जल्लीकट्टू के लिए तमिलनाडु की सड़कों पर मांग जोर पकड़ने के बीच अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सांड़ों को काबू पाने के इस खेल के साथ पारंपरिक बर्ताव करने के लिए राज्य सरकार के पास कानून लागू करने की शक्ति है.
हालांकि उन्होंने आगाह किया कि ऐसे कार्यक्रमों के दौरान जंतुओं को चोट नहीं पहुंचाई जानी चाहिए या उनके साथ निर्ममता नहीं बरती जानी चाहिए.
जल्लीकट्टू जैसे कार्यक्रमों की इजाजत देने के लिए उच्चतम न्यायालय में केंद्र के रूख का बचाव करने वाले रोहतगी ने कहा कि जहां तक इस खेल की बात है यह संबद्ध राज्य सरकारों के विशेष क्षेत्राधिकार में होना चाहिए और इस पर केंद्र की शक्ति नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसकी शक्ति केंद्र के पास नहीं है क्योंकि संविधान केंद्र और राज्यों की भूमिका के बीच सीमा रेखा निर्धारित करता है. जहां तक इस खेल की बात है यह राज्य के विशेष अधिकार क्षेत्र में है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को न्यायालय के आदेश का सम्मान करना चाहिए.
जल्लीकट्टू के लिए तमिलनाडु की सड़कों पर मांग जोर पकड़ने के बीच अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सांड़ों को काबू पाने के इस खेल के साथ पारंपरिक बर्ताव करने के लिए राज्य सरकार के पास कानून लागू करने की शक्ति है.
हालांकि उन्होंने आगाह किया कि ऐसे कार्यक्रमों के दौरान जंतुओं को चोट नहीं पहुंचाई जानी चाहिए या उनके साथ निर्ममता नहीं बरती जानी चाहिए.
जल्लीकट्टू जैसे कार्यक्रमों की इजाजत देने के लिए उच्चतम न्यायालय में केंद्र के रूख का बचाव करने वाले रोहतगी ने कहा कि जहां तक इस खेल की बात है यह संबद्ध राज्य सरकारों के विशेष क्षेत्राधिकार में होना चाहिए और इस पर केंद्र की शक्ति नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसकी शक्ति केंद्र के पास नहीं है क्योंकि संविधान केंद्र और राज्यों की भूमिका के बीच सीमा रेखा निर्धारित करता है. जहां तक इस खेल की बात है यह राज्य के विशेष अधिकार क्षेत्र में है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को न्यायालय के आदेश का सम्मान करना चाहिए.
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Jallikattu, Attorney General Mukul Rohatgi, अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी, जल्लीकट्टू, उच्चतम न्यायालय, तमिलनाडु