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This Article is From Aug 16, 2017

बुजुर्गों के लिए राहत की खबर, नी इम्प्लांट सर्जरी की लागत कम की गई

निजी अस्पतालों द्वारा घुटना बदलने की सर्जरी के लिए काफी कीमत वसूले जाने की खबरों के बीच सरकार ने घुटना प्रतिरोपण (नी इम्प्लांट्स) का अधिकतम खुदरा मूल्य तय कर दिया है

बुजुर्गों के लिए राहत की खबर, नी इम्प्लांट सर्जरी की लागत कम की गई
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली: देश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए सरकारें हमेशा से प्रयासरत रही हैं. वर्तमान की केंद्र सरकार ने पहले हृदयरोगियों के लिए स्टेंट की कीमत में कटौती करने के कुछ महीने बाद आज घुटना प्रतिरोपण की मूल्य सीमा 54 हजार रुपये से 1.14 लाख रुपये के बीच निर्धारित कर दी है जिसमें सर्जरी की मौजूदा लागत में करीब 70 प्रतिशत तक की कमी की गई है. निजी अस्पतालों द्वारा घुटना बदलने की सर्जरी के लिए काफी कीमत वसूले जाने की खबरों के बीच सरकार ने घुटना प्रतिरोपण (नी इम्प्लांट्स) का अधिकतम खुदरा मूल्य तय कर दिया है. इस कदम से इस तरह की सर्जरी कराने वाले रोगियों का सालाना करीब 1500 करोड़ रुपये बच सकता है.

रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अवैध और अनैतिक तरीके से मुनाफा कमाने के चलन पर मूकदर्शक बनकर नहीं रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल ही लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में घुटना प्रतिरोपण सर्जरी को स्टेंट की तरह सस्ता करने की बात कही थी.

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कैंसर और ट्यूमर के लिए विशेष इम्प्लांट के मामले में कीमत मौजूदा 4-9 लाख रुपये से काफी कम करके 1,13,950 रुपये की गयी है. सरकार के अनुसार देश में डेढ़ से दो करोड़ रोगियों को घुटना बदलवाने की जरूरत है. हर साल भारत में 1.2 लाख से डेढ़ लाख ऐसी सर्जरी होती हैं. नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग ऑथोरिटी (एनपीपीए) ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि ऑर्थोपेडिक नी इम्प्लांट पर औसत लाभ 313 प्रतिशत तक होने का पता चला है.

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अनंत कुमार ने कहा, ‘‘हृदयरोगियों के लिए स्टेंट के दाम सीमित करने के बाद अब हमने सभी तरह के घुटना प्रतिरोपण की कीमत नियंत्रित करने का फैसला किया है.’’ उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल, आयातक, खुदरा विक्रेता एमआरपी से अधिक वसूलते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए चिकित्सा उपकरण उद्योग संघ ‘एमटैल’ ने कहा कि वह एनपीपीए के आदेश की समीक्षा कर रहा है.
VIDEO : दिल्ली में लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं

नयी मूल्य प्रणाली के तहत सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाले कोबाल्ट-क्रोमियम इम्प्लांट का एमआरपी 54,720 रुपये निर्धारित किया गया है जिसके साथ जीएसटी और जोड़ा जाएगा. इसमें पूर्ववर्ती 1,58,324 रुपये के औसत एमआरपी में 65 प्रतिशत तक की कमी की गयी है. पहले इसकी कीमत 1.58 लाख रुपये से ढाई लाख रुपये तक होती थी.

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