नई दिल्ली:
एक माह के मध्यावकाश के बाद संसद सत्र के दूसरे चरण का पहला दिन दोनों सदनों में हंगामे के साथ शुरू हुआ। सदस्यों ने दिल्ली में पांच वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म, कोयला घोटाला और 2जी स्पेक्ट्रम मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मसौदा रपट पर चिंता व्यक्त की, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।
लोकसभा की कार्यवाही जहां मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई, वहीं राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक कई बार स्थगित हुई। दो बजे के बाद राज्यसभा में पांच वर्ष की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म एवं बर्बरता के मुद्दे पर चर्चा हुई। राज्यसभा के अधिकतर सदस्यों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपियों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग की।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती, दुष्कर्म एवं बर्बरता की शिकार बच्ची की हालत में जहां सुधार हो रहा है, वहीं इस कुकृत्य के खिलाफ दिल्लीभर में व्यापक प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती ने कहा, "हमने बजट सत्र के प्रथम चरण में एक सख्त कानून का निर्माण किया, लेकिन अब उसमें संशोधन किए जाने और उसे ज्यादा सख्त बनाए जाने की आवश्यकता है। इस तरह के मामलों में सुनवाई के लिए निश्चित समयसीमा निर्धारित की जानी चाहिए और अपराधियों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य माया सिंह ने भी मायावती का समर्थन किया और बच्चों के साथ दुष्कर्म के अपराधियों को तत्काल मृत्युदंड दिए जाने की मांग की।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बात का हवाला देते हुए माया सिंह ने कहा कि देश में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। सोनिया गांधी ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई किए जाने की मांग की थी।
माया ने दुष्कर्म रोधी विधेयक को और ज्यादा सख्त किए जाने की मांग की और सवालिया लहजे में कहा, "सत्ता किसके हाथ में है? कार्रवाई कौन करेगा?"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि दुष्कर्म और अपराधों में इजाफा पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही प्रश्न नहीं खड़ा करता बल्कि समाज में बढ़ रहे भ्रष्टाचार और कुछ बहुत ही गंभीर खामियों की तरफ इशारा करता है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे ठीक करने के लिए सदन को अवश्य ही कुछ करना चाहिए।
येचुरी ने बढ़ते अपराधों के लिए समाज में व्याप्त पितृसत्तात्मक संस्कृति को भी जिम्मेदार ठहराया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य रामगोपाल यादव ने कहा, "हमें उन कारणों की तलाश करनी होगी जो लोगों के मस्तिष्क को प्रदूषित कर रहे हैं।"
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने एक वक्तव्य दिया। शिंदे ने कहा, "संयुक्त पुलिस आयुक्त (सतर्कता) को मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वह इस मामले में स्थानीय पुलिस पर पीड़िता के पिता को मामला दबाने के लिए रुपये दिए जाने के आरोपों की भी जांच करेंगे।"
इस दौरान भाजपा सदस्यों ने शिंदे के इस्तीफे की मांग करते हुए खूब शोर-शराबा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही कई बार बाधित हुई और उसके बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
दिल्ली में ही पिछले वर्ष 16 दिसम्बर को हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को याद करते हुए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, "इस तरह की घटनाओं पर सिर्फ कानून के जरिए काबू नहीं पाया जा सकता। बच्चों एवं महिलाओं के साथ होने वाले इस तरह के आमनवीय कुकृत्यों पर समाज और लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाकर ही लगाम लगाया जा सकता है। निश्चित ही मेरे साथ इस सदन के सभी सदस्य इस बर्बरतापूर्ण घटना की निंदा करते हैं और बच्ची के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।"
इससे पहले लोकसभा में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ दिल्ली में हुई धक्का-मुक्की और पृथक तेलंगाना राज्य बनाए जाने जैसे मुद्दे उठाए गए।
राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल स्थगित करने से सम्बंधित आठ नोटिसों में से एआईएडीएमके के नेता वी. मैत्रेयन की कोयला आवंटन घोटाला मामले में सीबीआई की भूमिका से संबंधित नोटिस को यह कहकर स्वीकार किया कि उनका नोटिस सबसे पहले आया था।
इसके बाद राज्यसभा में नोटिस देने वाले अन्य नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। शोर-शराबे के चलते दो बजे तक के लिए स्थगित किए जाने से पहले राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा की कार्यवाही जहां मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई, वहीं राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक कई बार स्थगित हुई। दो बजे के बाद राज्यसभा में पांच वर्ष की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म एवं बर्बरता के मुद्दे पर चर्चा हुई। राज्यसभा के अधिकतर सदस्यों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपियों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग की।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती, दुष्कर्म एवं बर्बरता की शिकार बच्ची की हालत में जहां सुधार हो रहा है, वहीं इस कुकृत्य के खिलाफ दिल्लीभर में व्यापक प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती ने कहा, "हमने बजट सत्र के प्रथम चरण में एक सख्त कानून का निर्माण किया, लेकिन अब उसमें संशोधन किए जाने और उसे ज्यादा सख्त बनाए जाने की आवश्यकता है। इस तरह के मामलों में सुनवाई के लिए निश्चित समयसीमा निर्धारित की जानी चाहिए और अपराधियों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य माया सिंह ने भी मायावती का समर्थन किया और बच्चों के साथ दुष्कर्म के अपराधियों को तत्काल मृत्युदंड दिए जाने की मांग की।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बात का हवाला देते हुए माया सिंह ने कहा कि देश में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। सोनिया गांधी ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई किए जाने की मांग की थी।
माया ने दुष्कर्म रोधी विधेयक को और ज्यादा सख्त किए जाने की मांग की और सवालिया लहजे में कहा, "सत्ता किसके हाथ में है? कार्रवाई कौन करेगा?"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि दुष्कर्म और अपराधों में इजाफा पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही प्रश्न नहीं खड़ा करता बल्कि समाज में बढ़ रहे भ्रष्टाचार और कुछ बहुत ही गंभीर खामियों की तरफ इशारा करता है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे ठीक करने के लिए सदन को अवश्य ही कुछ करना चाहिए।
येचुरी ने बढ़ते अपराधों के लिए समाज में व्याप्त पितृसत्तात्मक संस्कृति को भी जिम्मेदार ठहराया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य रामगोपाल यादव ने कहा, "हमें उन कारणों की तलाश करनी होगी जो लोगों के मस्तिष्क को प्रदूषित कर रहे हैं।"
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने एक वक्तव्य दिया। शिंदे ने कहा, "संयुक्त पुलिस आयुक्त (सतर्कता) को मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वह इस मामले में स्थानीय पुलिस पर पीड़िता के पिता को मामला दबाने के लिए रुपये दिए जाने के आरोपों की भी जांच करेंगे।"
इस दौरान भाजपा सदस्यों ने शिंदे के इस्तीफे की मांग करते हुए खूब शोर-शराबा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही कई बार बाधित हुई और उसके बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
दिल्ली में ही पिछले वर्ष 16 दिसम्बर को हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को याद करते हुए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, "इस तरह की घटनाओं पर सिर्फ कानून के जरिए काबू नहीं पाया जा सकता। बच्चों एवं महिलाओं के साथ होने वाले इस तरह के आमनवीय कुकृत्यों पर समाज और लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाकर ही लगाम लगाया जा सकता है। निश्चित ही मेरे साथ इस सदन के सभी सदस्य इस बर्बरतापूर्ण घटना की निंदा करते हैं और बच्ची के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।"
इससे पहले लोकसभा में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ दिल्ली में हुई धक्का-मुक्की और पृथक तेलंगाना राज्य बनाए जाने जैसे मुद्दे उठाए गए।
राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल स्थगित करने से सम्बंधित आठ नोटिसों में से एआईएडीएमके के नेता वी. मैत्रेयन की कोयला आवंटन घोटाला मामले में सीबीआई की भूमिका से संबंधित नोटिस को यह कहकर स्वीकार किया कि उनका नोटिस सबसे पहले आया था।
इसके बाद राज्यसभा में नोटिस देने वाले अन्य नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। शोर-शराबे के चलते दो बजे तक के लिए स्थगित किए जाने से पहले राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।
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