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This Article is From Jul 21, 2016

लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय मुसलमानों की चिंता न करे पाकिस्तान

लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय मुसलमानों की चिंता न करे पाकिस्तान
लोकसभा में राजनाथ सिंह...
नई दिल्ली: मॉनसून सत्र में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब भी देश के सामने चुनौती होगी सभी लोग मतभेदों को भुलाकर चुनौती का सामना करेंगे। कश्मीर के हालात पर सभी को पीड़ा है। कल यह सवाल उठा था कि कश्मीर की समस्या के दौरान पीएम विदेश यात्रा पर थे, लेकिन वह हमेशा ही कश्मीर पर बात करते रहे और निर्देश देते रहे। 12 तारीख को लौटते ही कश्मीर पर पीएम मोदी ने बैठक की।

उन्होंने कि हमारे देश में विविधता पर एकता है। संसद में भी ऐसा ही माहौल है। जम्मू-कश्मीर देश का मुकुट है। हमारे पड़ोसी की बुरी नजर कश्मीर पर है। कश्मीर के गौरव को बहाल करने के लिए यह सरकार काम करेगी। कश्मीर के हालात बिगाड़ने में पड़ोसी देश पाकिस्तान की भूमिका है। मजहब के आधार पर देश का विभाजन हुआ। इसके बावजूद पड़ोसी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान मजहब के नाम पर अलग हुआ और अपने मजहब के लोगों को भी एक नहीं रख पाया। आज दो टुकड़े हो गए हैं। पाकिस्तान दुनिया का ध्यान बांटने के लिए यह सब करता रहता है। पाकिस्तान को भारत के मुसलमान के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।

औरों के घर में आग लगाने वालों को एक दिन अपने घर में समस्या का सामना करना पड़ता है। जिन लोगों ने कश्मीर में जान गंवाई है या घायल हुए हैं उसका सभी को अफसोस है।

कश्मीर का नौजवान देशभक्त है। उन्हें बरगलाने की कोशिश हो रही है। जिन्हें बरगलाया गया है उन्हें अलग करने की जरूरत है। यही नहीं छत्तीसगढ़ में भी नक्सली यही करते हैं। सुरक्षा बलों के जवानों के मारे जाने पर लोग जश्न मनाते हैं।

विकृत मानसिकता वाले लोगों को बदलना होगा। कश्मीर के हालात सुधारने का काम अकेले सरकार नहीं कर सकती।  सभी लोगों को मिलकर इसके लिए काम करना चाहिए। सभी लोगों ने कश्मीर के हालात सुधारने की कोशिश की है, इसमें जरूर कामयाबी हासिल होगी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान काला दिवस मनाता है। यह भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप है। पाकिस्तान भारत में घुसपैठ बढ़ाना चाहता है, लेकिन नाकामयाब रहा है। इसलिए वह परेशान है। सुरक्षा बलों ने 86 कोशिशों को नाकामयाब किया गया।

बुरहान कुख्यात आतंकी था, जो हिजबुल का सदस्य था। वह पाकिस्तान की हिदायत पर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था। वह दक्षिण कश्मीर में हिजबुल का कमांडर था। उसके खिलाफ 15 गंभीर मुकदमे दर्ज थे।

वह सोशल मीडिया पर युवाओं को हथियार उठाने के लिए कहता था। हाल ही में हाफिज सईद ने कहा था कि कुछ दिन पहले बुरहान से उसकी चर्चा हुई थी। सुरक्षा बलों ने इनपुट के आधार पर इलाके को घेरा और आतंकियों की पहचान की गई और मुठभेड़ में आतंकी मारे गए।

राजनाथ सिंह ने बताया कि सुरक्षा बलों के कई जवान शहीद हुए। क्राउड को रोकने के लिए पैलेट गन का प्रयोग किया गया। लोग घायल हुए, लेकिन मृत्यु एक की हुई। कुल 53 घायल हैं, जिनमें 23 की एक आंख में चोट लगी।

इससे पहले भी पैलेट गन का प्रयोग 2010 में भी हुआ था। मृत्यु 6 की हुई थी। 198 लोगों की आंख में चोट लगी थी। कई लोग पूरी तरह से दृष्टिबाधित हो गए थे। नॉन लीथल की श्रेणी में यह गन आती है, लेकिन अब एक एक्सपर्ट की कमेटी बनेगी वह देखेगी कि दूसरा विकल्प क्या है? दो महीने में इसकी रिपोर्ट आएगी।

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