विज्ञापन
This Article is From May 13, 2014

व्हिसलब्लोअर संरक्षण कानून पर लगी राष्ट्रपति की मुहर

नई दिल्ली:

सरकार में भ्रष्टाचार या सरकारी अधिकारियों की अनियमितताओं को उजागर करने वाले लोग अब किसी भी तरह के उत्पीड़न से भयमुक्त रह सकते हैं।

भ्रष्टाचार उजागर करने वाले लोगों यानी 'व्सिहलब्लोअर्स' की पहचान गुप्त रखने से जुड़े प्रावधान वाले व्हिसलब्लोअर संरक्षण अधिनियम, 2011 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी।

कानून जनता को मंत्रियों और लोकसेवकों द्वारा अधिकारों का जानबूझकर दुरुपयोग करने के बारे में या भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी का खुलासा करने के लिए उत्साहित करने की प्रणाली प्रदान करता है।

कानून के अनुसार कोई व्यक्ति किसी सक्षम प्राधिकार के समक्ष भ्रष्टाचार के मामले में जनहित में जानकारी सार्वजनिक कर सकता है। फिलहाल केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) सक्षम प्राधिकार है। कानून कहता है कि सरकार अधिसूचना जारी करके भ्रष्टाचार के बारे में इस तरह की शिकायतें प्राप्त करने के लिए भी किसी को नियुक्त कर सकती है।

इस कानून में झूठी या फर्जी शिकायतों के मामले में दो साल तक की कैद और 30,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव : पहले चरण में किस पार्टी के कितने करोड़पति उम्‍मीदवार? जानिए कितनी है औसत संपत्ति
व्हिसलब्लोअर संरक्षण कानून पर लगी राष्ट्रपति की मुहर
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Next Article
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com