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This Article is From Nov 04, 2019

पराली को प्रदूषण की वजह बताने पर सियासत जारी, अब कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने दिया बड़ा बयान, कहा...

तोमर ने कहा, "केंद्र सरकार ने पिछले दिनों एक स्कीम बनाकर किसानों को सब्सिडी प्रदान की, गांव-गांव में मशीनें उपलब्ध करायी गयी हैं और उसका परिणाम भी दिखा है.

पराली को प्रदूषण की वजह बताने पर सियासत जारी, अब कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने दिया बड़ा बयान, कहा...
प्रदूषण को लेकर नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली:

दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण के लिए पराली जिम्मेदार है या नहीं इस सवाल पर राजनीति शुरू हो गयी है. सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस साल भारत सरकार ने एक नयी स्कीम बनायी है जिसकी वजह से पराली जलाने की घटनाओं में अच्छी खासी कमी आयी है. तोमर ने कहा, "केंद्र सरकार ने पिछले दिनों एक स्कीम बनाकर किसानों को सब्सिडी प्रदान की, गांव-गांव में मशीनें उपलब्ध करायी गयी हैं और उसका परिणाम भी दिखा है. इस साल पराली जलाने में अच्छी खासी कमी आयी है. उसका प्रदूषण में योगदान कम हुआ है."

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कृषि मंत्री ने कहा, 'प्रदूषण के लिए पराली ही जिम्मेदार नहीं है और किसान पराली नहीं जलाएं, इसके लिए इंसेंटिव देने की पंजाब के मुख्यमंत्री की मांग को ख़ारिज कर दिया. तोमर ने कहा, 'कैप्टेन अमरिंदर सिंह पहले पंजाब में किसानों को सब्सिडी देकर पराली ख़त्म करके दिखाएं.' इससे पहले पंजाब और हरियाणा में जल रही पराली को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डाल दी. सोमवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह में कहा कि पंजाब में ज़्यादातर किसान छोटे वर्ग का है जिसके पास लगभग पांच एकड़ की ज़मीन है. और ये किसान महंगी मशीनों का इस्तेमाल नहीं कर सकता.

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कैप्टन ने कहा कि केंद्र की सरकार से उन्होंने मांग की है कि प्रति कुंटल पराली का 100 रुपया किसानों को दिया जाना चाहिए जिससे वो पराली को जलाना बंद कर देंगे. कैप्टन ने ये भी कहा कि ये मांग काफ़ी समय से केंद्र सरकार के सामने रख रहे हैं लेकिन अभी तक कोई फ़ैसला नहीं हुआ. इस मसले पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर केंद्र सरकार के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. मनोहर लाल ने सोमवार को कहा, "हमने कदम उठाये हैं जिसका असर ज़मीन पर साफ़ दिख रहा है.

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आम तौर पर इस समय 1000 मामले पराली जलाने के रजिस्टर होते थे लेकिन इस बार सिर्फ 70 मामले ही रजिस्टर किये गए हैं. हरि‍याणा में काफी सुधार किया गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पहले ही पराली को दिल्ली और आसपास के इलाकों में फैलते प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहरा चुके हैं. साफ़ है,  पराली के मसले पर केंद्र, दिल्ली और पंजाब सरकार की राय अलग-अलग है जिसकी वजह से इस समस्या के खिलाफ साझा रणनीति बनाना मुश्किल हो रहा है.
 

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