नई दिल्ली:
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की विपक्ष की मांग पर बने गतिरोध को तोड़ने की सरकार की कोशिशों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि चीजें अब वैसी नहीं हैं जैसी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सांसदों को यह नहीं भूलना चाहिए कि संसद अहम मुद्दों पर बातचीत करने का शीर्ष मंच है। सिंह ने यहां सांसदों की पत्रिका सेंट्रल हॉल का विमोचन करते हुए कहा, संसद चर्चा करने, संवाद करने और विधान बनाने का शीर्ष मंच है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस बात से इनकार करेगा कि चीजें वैसी नहीं हैं, जैसी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सांसदों को यह नहीं भूलना चाहिए कि संसद देश के अहम मुद्दों पर बातचीत करने का एक मंच है। सिंह ने कहा कि लिहाजा, यह सभी की जिम्मेदारी है कि हम यह सुनिश्चित कराने के तरीके तलाशें कि हमारे देश के प्रमुख विधायी मंच के तौर पर और सामयिक राजनीति, समाज तथा अर्थव्यवस्था के अहम मुद्दों पर संवाद करने के मंच के तौर पर संसद की सर्वोच्चता बनी रहे। हमें यह सुनिश्चित कराना होगा कि संसद के इन कायो को भुलाया नहीं जाए। सिंह की यह टिप्पणी महत्व रखती है क्योंकि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आठ फरवरी को विपक्ष को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है ताकि जेपीसी के मुद्दे पर गतिरोध खत्म किया जा सके और 21 फरवरी से शुरू होने जा रहे बजट सत्र के दौरान संसद में कामकाज निर्बाध सुनिश्चित किया जा सके।