तिरुवनंतपुरम:
सूर्यनेल्ली बलात्कार मामले में राज्यसभा के उप सभापति पीजे कुरियन के खिलाफ पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोपों की नए सिरे से जांच की मांग को लेकर केरल विधानसभा में माकपा नीत विपक्षी एलडीएफ ने खूब हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इधर, कुरियन ने आरोपों के पीछे राजनीतिक साजिश का होना बताया है।
इससे पहले, सरकार ने 17 साल पुराने इस मामले की फिर से जांच कराने की एलडीएफ की मांग खारिज कर दी।
हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्य तख्तियां लहराते हुए आसन के समक्ष आ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। यह लोग सरकार के इस रुख का विरोध कर रहे थे कि मामले की नए सिरे से जांच संभव नहीं है क्योंकि आरोपों की जांच पहले ही हो चुकी है और आरोप बेबुनियाद पाए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने 2007 में कुरियन की खुद को बरी करने की याचिका को मंजूरी दे दी थी।
विपक्ष के नेता वीएस अच्युतानंदन ने कहा कि सरकार का रुख, महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के बारे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा रविवार को हस्ताक्षरित अध्यादेश की भावना के विरुद्ध है। इस अध्यादेश में प्रावधान है कि बलात्कार मामले में पीड़ित की गवाही को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
बहरहाल, मुख्यमंत्री उमेन चांडी ने कहा कि सरकार मानती है कि दोषी को सजा मिलनी चाहिए और बेकसूर को ‘सूली पर नहीं चढ़ाया जाना चाहिए।’
इससे पहले, सरकार ने 17 साल पुराने इस मामले की फिर से जांच कराने की एलडीएफ की मांग खारिज कर दी।
हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्य तख्तियां लहराते हुए आसन के समक्ष आ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। यह लोग सरकार के इस रुख का विरोध कर रहे थे कि मामले की नए सिरे से जांच संभव नहीं है क्योंकि आरोपों की जांच पहले ही हो चुकी है और आरोप बेबुनियाद पाए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने 2007 में कुरियन की खुद को बरी करने की याचिका को मंजूरी दे दी थी।
विपक्ष के नेता वीएस अच्युतानंदन ने कहा कि सरकार का रुख, महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के बारे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा रविवार को हस्ताक्षरित अध्यादेश की भावना के विरुद्ध है। इस अध्यादेश में प्रावधान है कि बलात्कार मामले में पीड़ित की गवाही को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
बहरहाल, मुख्यमंत्री उमेन चांडी ने कहा कि सरकार मानती है कि दोषी को सजा मिलनी चाहिए और बेकसूर को ‘सूली पर नहीं चढ़ाया जाना चाहिए।’