प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
केन्द्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि देश में दलहनों की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए जमाखोरों के यहां छापे के दौरान जब्त किये गये कुल 1.33 लाख टन दाल दलहन में से करीब 4,660 टन से अधिक माल पांच राज्यों में खुले बाजार में उतारा गया है।
सरकार ने कहा कि यह कदम दलहन की कीमतों में और गिरावट लाने में मदद करेगा। जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई, व्यापारियों एवं आयातकों आदि पर तय सीमा से अधिक माल रखने के खिलाफ कार्रवाई जैसे तमाम उपायों के बावजूद देश के अधिकांश खुदरा बाजारों में अरहर की दाल 190 रुपये प्रति किलो तक ऊंची बनी हुई है।
एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है, 'राज्य सरकारों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार दलहनों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए आज की तारीख तक जमाखोरी रोधी अभियान के तहत जब्त किया गये दाल दलहन के स्टॉक से 4,660.68 टन दलहनों को नीलामी अथवा अन्य तरीकों से खुले बाजार में उतारा गया है। यह कीमतों में और गिरावट लाने में मदद मिलेगी।'
इसमें कहा गया है कि पांच राज्यों (केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली, ओडिशा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने करीब 35,761 टन दलहन जब्त किये हैं जिसमें से 4,660 टन माल इन बाजारों में उतारा गया है। 4,660 टन दाल दलहन में से करीब 371.03 टन दलहन कर्नाटक के बाजारों में नीलामी के जरिए डाला गया है। दिल्ली (8.13 टन), छत्तीसगढ़ (1,489.06 टन), ओडिशा (1,402.16 टन) और मध्य प्रदेश में (1,390.30 टन) माल बाकी अन्य तरीकों से बाजार में पेश किया गया है।
अभी तक विभिन्न राज्यों में डाले गये 12,506 छापों के दौरान 1.33 लाख टन दलहन को जब्त किया गया। बाकी राज्य सरकारें भी जब्त किये गये दलहनों को बाजार में लाने की प्रक्रिया में हैं। पिछले सप्ताह एक उच्च स्तरीय बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि दलहनों की कीमतों के बढ़ने का एक और कारण यह भी है कि विभिन्न राज्यों के द्वारा जमाखोरों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई नहीं की गई।
जेटली ने कृषि तथा खाद्य एवं उपभोक्ता मामला मंत्रालय के सचिवों को चौकस रहने और राज्यों के सान्निध्य में काम कर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जिसमें दलहनों की खरीद को बढ़ाने, बफर स्टॉक को बढ़ाने और बनाने जैसे कदम शामिल हैं।
इस बीच मंत्रिमंडलीय सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ इस माह के आरंभ में वीडियो कांफ्रेंसिंग की तथा उन्हें जब्त दलहन को बाजार में उतारने और जल्द से जल्द खुदरा बाजार में दलहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। फसल वर्ष 2014-15 में दलहन उत्पादन घटकर 1.72 करोड़ टन रह जाने के बाद इस वर्ष दलहन की कीमतों में काफी तेजी आई है। दलहनों का उत्पादन इससे पिछले फसल वर्ष में एक करोड़ 92.5 लाख टन का हुआ था।
सरकार ने कहा कि यह कदम दलहन की कीमतों में और गिरावट लाने में मदद करेगा। जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई, व्यापारियों एवं आयातकों आदि पर तय सीमा से अधिक माल रखने के खिलाफ कार्रवाई जैसे तमाम उपायों के बावजूद देश के अधिकांश खुदरा बाजारों में अरहर की दाल 190 रुपये प्रति किलो तक ऊंची बनी हुई है।
एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है, 'राज्य सरकारों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार दलहनों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए आज की तारीख तक जमाखोरी रोधी अभियान के तहत जब्त किया गये दाल दलहन के स्टॉक से 4,660.68 टन दलहनों को नीलामी अथवा अन्य तरीकों से खुले बाजार में उतारा गया है। यह कीमतों में और गिरावट लाने में मदद मिलेगी।'
इसमें कहा गया है कि पांच राज्यों (केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली, ओडिशा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने करीब 35,761 टन दलहन जब्त किये हैं जिसमें से 4,660 टन माल इन बाजारों में उतारा गया है। 4,660 टन दाल दलहन में से करीब 371.03 टन दलहन कर्नाटक के बाजारों में नीलामी के जरिए डाला गया है। दिल्ली (8.13 टन), छत्तीसगढ़ (1,489.06 टन), ओडिशा (1,402.16 टन) और मध्य प्रदेश में (1,390.30 टन) माल बाकी अन्य तरीकों से बाजार में पेश किया गया है।
अभी तक विभिन्न राज्यों में डाले गये 12,506 छापों के दौरान 1.33 लाख टन दलहन को जब्त किया गया। बाकी राज्य सरकारें भी जब्त किये गये दलहनों को बाजार में लाने की प्रक्रिया में हैं। पिछले सप्ताह एक उच्च स्तरीय बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि दलहनों की कीमतों के बढ़ने का एक और कारण यह भी है कि विभिन्न राज्यों के द्वारा जमाखोरों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई नहीं की गई।
जेटली ने कृषि तथा खाद्य एवं उपभोक्ता मामला मंत्रालय के सचिवों को चौकस रहने और राज्यों के सान्निध्य में काम कर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जिसमें दलहनों की खरीद को बढ़ाने, बफर स्टॉक को बढ़ाने और बनाने जैसे कदम शामिल हैं।
इस बीच मंत्रिमंडलीय सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ इस माह के आरंभ में वीडियो कांफ्रेंसिंग की तथा उन्हें जब्त दलहन को बाजार में उतारने और जल्द से जल्द खुदरा बाजार में दलहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। फसल वर्ष 2014-15 में दलहन उत्पादन घटकर 1.72 करोड़ टन रह जाने के बाद इस वर्ष दलहन की कीमतों में काफी तेजी आई है। दलहनों का उत्पादन इससे पिछले फसल वर्ष में एक करोड़ 92.5 लाख टन का हुआ था।
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