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This Article is From Feb 07, 2020

जम्मू-कश्मीर : उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती की जल्द रिहाई की उम्मीद खत्म?

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद नजरबंदी झेल रहे राज्य के  दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती के जल्द रिहाई के आसार नहीं हैं.

जम्मू-कश्मीर : उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती की जल्द रिहाई की उम्मीद खत्म?
जम्मू-कश्मीर के दोनों मुख्यमंत्रियों पर पब्लिक सेफ़्टी ऐक्ट लगा है.
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद नजरबंदी झेल रहे राज्य के  दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती के जल्द रिहाई के आसार नहीं हैं. इन दोनों नेताओं पर अब पब्लिक सेफ़्टी ऐक्ट यानी नागरिक सुरक्षा क़ानून लगा दिया गया है. पीएसए के तहत किसी को भी तीन महीने तक बिना सुनवाई के हिरासत में रखा जा सकता है.. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने दोनों नेताओं के डिटेंशन वॉरंट्स पर हस्ताक्षर कर दिया है. इससे पहले उमर अब्दुल्ला के पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला को भी सितंबर में पब्लिक सेफ़्टी ऐक्ट के तहत हिरासत में रख दिया गया है. 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. उसी दौरान जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. सरकार ने बीते कुछ समय में कुछ नेताओं को रिहा भी किया है लेकिन अधिकतर प्रमुख नेता अब भी नज़रबंद हैं या फिर हिरासत में हैं.  

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उधर, न्यूज एजेंसी 'भाषा' ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि पुलिस की मौजूदगी में मजिस्ट्रेट ने उस बंगले में जाकर महबूबा को आदेश सौंपा जहां उन्हें नजरबंद रखा गया है. उन्होंने बताया कि उमर अब्दुल्ला के खिलाफ भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है. नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री मोहम्मद सागर को प्रशासन ने पीएसए नोटिस थमाया. शहर के कारोबारी इलाके में सागर का मजबूत आधार माना जाता है. इसी प्रकार पीडीपी के नेता सरताज मदनी के खिलाफ भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है. मदनी महबूबा मुफ्ती के मामा हैं. सागर और मदनी दोनों को केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त के बाद राज्य के नेताओं पर की गई कार्रवाई के तहत नजरबंद किया गया था. 

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पांच अगस्त को केंद्र ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के साथ ही इसे दो केंद्र शासित हिस्सों में बांट दिया था. इन लोगों की छह महीने की एहतियातन हिरासत अवधि गुरुवार को खत्म हो रही थी. इससे पूर्व अधिकारियों ने बताया था कि नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक बशीर अहमद वीरी के खिलाफ भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है, लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें रिहा कर दिया गया है.

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