बीएस-3 बैन को लेकर नितिन गडकरी का अहम बयान, ले सकते हैं कानूनी मदद

बीएस-3 बैन को लेकर नितिन गडकरी का अहम बयान, ले सकते हैं कानूनी मदद

नई दिल्ली:

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि शनिवार से बीएस-3 वाहनों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की रोक से प्रभावित ऑटो निर्माताओं की मदद के लिए सरकार कानूनी समाधान तलाशेगी. नितिन गडकरी ने संवाददाताओं से उन्होंने कहा, हमलोग अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे. उसे लागू करते वक्त अगर कुछ कानूनी मदद ली जा सकती है तो हमलोग ऐसा करेंगे. उन्होंने माना कि बेहद सख्त उत्सर्जन नियंत्रण बीएस-6 व्यवस्था की ओर रुख करने से पहले उनके मंत्रालय ने इससे पहले ऑटो निर्माताओं को इन्वेंट्री बेचने की अनुमति दी थी.

गौरतलब है कि देशभर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला सुनाया था. 1 अप्रैल 2017 से ऑटो निर्माता कंपनियां बीएस-3 गाड़ियां नहीं बेच पाएंगी. इससे वाहन निर्माता कंपनियों को बड़ा झटका लगा. कंपनियों के स्टॉक में करीब 8.2 लाख गाडियां हैं. कोर्ट ने कहा कि कंपनियों को पता था कि 1 अप्रैल 2017 से BS 4 गाडियां ही बेची जा सकेंगी. इसके बावजूद कंपनियों ने स्टाक खत्म नहीं किया. कोर्ट ने यह भी कहा कि सड़क पर चलने वाली गाड़ियों के अनुपात में संख्या कम हो, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य को ताक पर नहीं रखा जा सकता. (BS-III बैन : हीरो, HMSI, बजाज, सुजुकी दे रहे हैं 22,000 तक की छूट, ऑफर केवल आज तक के लिए)

दरअसल-सरकार का नए वाहनों पर जोर है, जिसके लिए 1 जनवरी 2014 को नोटि‍फि‍केशन जारी हुआ था, जिसमें कंपनियों को बीएस-4 लागू करने के निर्देश दिए गए. नया नियम 1 अप्रैल, 2017 से लागू होना है. कार कंपनि‍यों का कहना है कि ये नोटिफिकेशन स्पष्ट नहीं है. गौरतलब है कि देश में बीएस-3 के वाहन काफी ज्यादा हैं. अनुमान है कि पैसेंजर व्‍हीकल्‍स में 20000, टू-व्‍हीलर्स में 7.5 लाख, थ्री व्‍हीलर्स में 4,500 और कमर्शि‍यल व्‍हीकल्‍स में करीब 75 हजार बीएस-3 के वाहन हैं. (BS-III बैन के बाद अब होंडा और यामाहा ने BS-4 मोटरसाइकिल-स्कूटर पेश किए)


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