
उधमपुर आतंकी हमले की जगह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार के उधमपुर आतंकवादी हमले की जांच आज अपने हाथों में ले ली जिसमें जिंदा पकड़े गए एक पाकिस्तानी आतंकवादी ने कहा है कि उसने लश्कर ए तैयबा के पास आतंकवाद का प्रशिक्षण लिया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महानिरीक्षक संजीव कुमार सिंह की अगुवाई में केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए की एक टीम कल से ही जम्मू में है और उसने मुठभेड़ स्थल का दौरा किया। मुम्बई पर 2008 के आतंकवादी हमले के बाद एनआईए का गठन किया गया था।
सिंह पश्चिम बंगाल के बर्दवान विस्फोट समेत आतंकवाद से जुड़े कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच का दायित्व संभाल रहे हैं।
उधमपुर में हथियारों से लैस दो आतंकवादियों ने बीएसएफ कर्मियों के एक काफिले पर घात लगाकर हमला किया। इस हमले में दो कांस्टेबल शहीद हो गए, जबकि एक आतंकवादी मारा गया। एक अन्य आतंकवादी उसी तरह जीवित पकड़ लिया गया, जिस तरह 26/11 के आतंकवादी हमले के हमलावर अजमल कसाब को पकड़ा गया था। समझा जाता है कि दोनों ही आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे।
गिरफ्तार लश्कर आतंकवादी मोहम्मद नावेद याकूब के खिलाफ अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, हथियार कानून, भादसं की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। नावेद ने दावा किया है कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है। उसने अपने साथी की पहचान नोमान उर्फ मोमिन के रूप में की जो बीएसएफ की जवाबी गोलीबारी में मारा गया।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए टीम उन बीएसएफ कर्मियों से पूछताछ करेगी जो काफिले का हिस्सा थे। टीम उन ग्रामीणों से भी पूछताछ करेगी, जिन्होंने इस हथियारबंद आतंकवादी को पकड़ने में अदम्य साहस का परिचय दिया।
रातभर चली पूछताछ के दौरान सामान्य दिखाई दे रहे नावेद ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने लश्कर ए तैयबा के दो प्रशिक्षण सत्र - ‘दौर-ए-आम’ और ‘दौर-ए-खास’ में प्रशिक्षण लिया था। पहले सत्र में रंगरूटों को शारीरिक फिटनेस, पहाड़ पर चढ़ने के कौशल, छोटे हथियारों के इस्तेमाल के तौर तरीके सिखाए जाते हैं जबकि दूसरे कार्यक्रम में उन्हें राइफल चलाने और छोटे विस्फोटक तैयार करने के गुर बताए जाते हैं। उसने बताया कि वह बाड़ काटकर उत्तर कश्मीर के बारामूला के रास्ते भारत में दाखिल हुआ। वह तंगमार्ग और बाबा रेशी में ठहरा और फिर अपना ठिकाना अवंतिपुरा-पुलवामा स्थानांतरित कर लिया जहां वह पहाड़ी क्षेत्र में एक गुफा में रुका।
उसका समूह दो हिस्सों में बंट गया। वह और नोमान दक्षिण कश्मीर के कुलगाम गए जहां वे दोनों कल जम्मू जाने के लिए ट्रक पर सवार हुए। वे रात में पतनीटोप ठहरने के बाद उधमपुर में उतर गए।
नावेद को उन स्थानों पर ले जाया जाएगा जिनके बारे में उसने दावा किया कि सीमा से घुसपैठ करने के बाद वह वहां ठहरा था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महानिरीक्षक संजीव कुमार सिंह की अगुवाई में केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए की एक टीम कल से ही जम्मू में है और उसने मुठभेड़ स्थल का दौरा किया। मुम्बई पर 2008 के आतंकवादी हमले के बाद एनआईए का गठन किया गया था।
सिंह पश्चिम बंगाल के बर्दवान विस्फोट समेत आतंकवाद से जुड़े कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच का दायित्व संभाल रहे हैं।
उधमपुर में हथियारों से लैस दो आतंकवादियों ने बीएसएफ कर्मियों के एक काफिले पर घात लगाकर हमला किया। इस हमले में दो कांस्टेबल शहीद हो गए, जबकि एक आतंकवादी मारा गया। एक अन्य आतंकवादी उसी तरह जीवित पकड़ लिया गया, जिस तरह 26/11 के आतंकवादी हमले के हमलावर अजमल कसाब को पकड़ा गया था। समझा जाता है कि दोनों ही आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे।
गिरफ्तार लश्कर आतंकवादी मोहम्मद नावेद याकूब के खिलाफ अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, हथियार कानून, भादसं की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। नावेद ने दावा किया है कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है। उसने अपने साथी की पहचान नोमान उर्फ मोमिन के रूप में की जो बीएसएफ की जवाबी गोलीबारी में मारा गया।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए टीम उन बीएसएफ कर्मियों से पूछताछ करेगी जो काफिले का हिस्सा थे। टीम उन ग्रामीणों से भी पूछताछ करेगी, जिन्होंने इस हथियारबंद आतंकवादी को पकड़ने में अदम्य साहस का परिचय दिया।
रातभर चली पूछताछ के दौरान सामान्य दिखाई दे रहे नावेद ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने लश्कर ए तैयबा के दो प्रशिक्षण सत्र - ‘दौर-ए-आम’ और ‘दौर-ए-खास’ में प्रशिक्षण लिया था। पहले सत्र में रंगरूटों को शारीरिक फिटनेस, पहाड़ पर चढ़ने के कौशल, छोटे हथियारों के इस्तेमाल के तौर तरीके सिखाए जाते हैं जबकि दूसरे कार्यक्रम में उन्हें राइफल चलाने और छोटे विस्फोटक तैयार करने के गुर बताए जाते हैं। उसने बताया कि वह बाड़ काटकर उत्तर कश्मीर के बारामूला के रास्ते भारत में दाखिल हुआ। वह तंगमार्ग और बाबा रेशी में ठहरा और फिर अपना ठिकाना अवंतिपुरा-पुलवामा स्थानांतरित कर लिया जहां वह पहाड़ी क्षेत्र में एक गुफा में रुका।
उसका समूह दो हिस्सों में बंट गया। वह और नोमान दक्षिण कश्मीर के कुलगाम गए जहां वे दोनों कल जम्मू जाने के लिए ट्रक पर सवार हुए। वे रात में पतनीटोप ठहरने के बाद उधमपुर में उतर गए।
नावेद को उन स्थानों पर ले जाया जाएगा जिनके बारे में उसने दावा किया कि सीमा से घुसपैठ करने के बाद वह वहां ठहरा था।
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