कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से लड़ने के लिए नौसेना के विशाखापत्तनम डॉकयार्ड ने पोर्टेबल मल्टी फीड ऑक्सीजन मैनिफोल्ड तैयार किया है. इसके जरिये एक सिलेंडर से एक ही साथ छह मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की जा सकती है जबकि आमतौर पर एक सिलेंडर से एक ही मरीज को ऑक्सीजन दी जाती है. इस तकनीक से बार-बार मरीज को ना तो मॉस्क बदलने की जरुरत पड़ेगी और ना ही सिलेंडर. नौसेना के अस्पताल में इसका ट्रायल भी सफल रहा है. आंध्रप्रदेश मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने भी वाइजेक आकर खुद ही नौसेना के ऑक्सीजन सिलेंडर को चेक करके उपयोग में लाने की बात कही है.
कोरोना वायरस के दौरान जब मरीज की हालत गंभीर हो जाती है, तब ही उसे ऑक्सीजन की जरुरत पड़ती है. खासकर उन मरीजों के लिये जिन्हें सांस संबधी बीमारी है. एक अनुमान के मुताबिक कोरोना संक्रमित मरीजों में करीब तीन से चार फीसदी को ही ऑक्सीजन की जरुरत पड़ती है लेकिन हालात कब बिगड़ जाए ये कहा नहीं जा सकता इसलिए तैयारी पहले से रखनी पड़ती है.
यह ऑक्सीजन देने वाला सिलेंडर बड़े अस्पताल के बजाय छोटे फील्ड अस्पताल या आइसोलेशन सेंटर टाइप के अस्पताल के लिये काफी उपयोगी साबित हो सकता है. अगर एक साथ बारह लोगों को ऑक्सीजन देने की जरुरत पड़ी तो उसके लिये बस दो बड़े सिलेंडर चाहिए और आसानी से सबको एक साथ ऑक्सीजन दी जा सकती है.
विशाखापत्तनम डॉकयार्ड ने ऐसे पांच पोर्टेबल मल्टी फीड ऑक्सीजन वाइजेक प्रशासन को दे चुका है और अगले दस से पंद्रह दिनों में बीस पोर्टेबल मल्टी फीड ऑक्सीजन सिलेंडर दिये जाएंगे. नौसेना का कहना है कि फिलहाल तो वो अपनी जरुरत के मुताबिक ऐसे ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार कर रही है लेकिन अगर कोई इस तकनीक का इस्तेमाल कर और ज्यादा सिलेंडर बनाकर कोरोना पीड़ितों का इलाज करता है उसे कोई आपत्ति नहीं होगी.
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